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दिल्ली में पुतिन का स्वागत: भारत की कूटनीति में नया मोड़

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दिल्ली दौरा भारत की कूटनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन का स्वागत किया, जो न केवल एक औपचारिकता थी, बल्कि एक मजबूत कूटनीतिक संदेश भी था। भारत ने यूएन में रूस के खिलाफ प्रस्तावों से दूरी बनाते हुए शांति को प्राथमिकता दी। जानें इस दौरे के पीछे के महत्वपूर्ण घटनाक्रम और भारत की विदेश नीति में बदलाव।
 

दिल्ली में पुतिन का आगमन

दिल्ली का पालम एयरपोर्ट रात के समय हल्की ठंड के साथ लाल कालीन पर सज गया। इस समय दुनिया की नजरें भारत की राजधानी पर थीं। जैसे ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का विमान रनवे पर उतरा, भारत की कूटनीति ने एक नया अध्याय लिखा। इस बार किसी मंत्री या अधिकारी का स्वागत नहीं था, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए एक नई कूटनीतिक परंपरा की शुरुआत की। पुतिन के उतरते ही दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और गले मिले, जिससे यह संदेश स्पष्ट हुआ कि दोस्ती कभी नहीं बदलती, लेकिन भारत का आत्मविश्वास जरूर बढ़ा है। यह दृश्य केवल एक स्वागत नहीं था, बल्कि एक मजबूत संदेश था जो वाशिंगटन, लंदन, पेरिस और बर्लिन तक पहुंच गया।


यूएन में भारत की स्थिति

दिल्ली में पुतिन का स्वागत हो रहा था, जबकि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन ने आरोप लगाया कि रूस ने 6395 बच्चों को जबरन अपने कब्जे में ले लिया है। अमेरिका और यूरोप ने रूस के खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया कि वह न तो समर्थन करेगा और न ही विरोध। भारत ने शांति को प्राथमिकता दी और मतदान में अनुपस्थित रहा। इस निर्णय ने पश्चिमी राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। भारत ने कहा कि वह मानवाधिकारों की रक्षा के पक्ष में है, लेकिन राजनीतिक टकराव का हिस्सा नहीं बनेगा।


भारत और रूस के बीच सहयोग

भारत ने रूस को कूटनीतिक अलगाव से बाहर निकालते हुए यह दिखा दिया कि मॉस्को अब भी उसका स्थायी साझेदार है। पुतिन ने भारत को एक भरोसेमंद शक्ति के रूप में देखा। भारत ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी भी विवाद का हिस्सा नहीं बनेगा। यूएनजीए का प्रस्ताव युद्ध रोकने में मदद नहीं कर रहा था, बल्कि केवल आरोपों का स्थानांतरण कर रहा था। भारत ने यह सुनिश्चित किया कि वह किसी भी तरह के आरोपों का हिस्सा नहीं बनेगा।


मोदी और पुतिन की बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक की, जिसमें कई महत्वपूर्ण संदेश दिए गए। दोनों देशों ने स्वास्थ्य, परिवहन, और शिपिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौतों पर सहमति जताई और 2030 तक का आर्थिक रोडमैप तैयार किया। इस प्रकार, दिल्ली में मोदी और पुतिन के हाथ मिलाने के साथ, न्यूयॉर्क में भारत ने दुनिया को दिखाया कि वह न तो झुकता है और न ही टूटता है, बल्कि अपने हितों के लिए खड़ा रहता है।