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दुबई एयर शो में भारतीय तेजस लड़ाकू विमान की दुर्घटना: पायलट की स्थिति अनिश्चित

दुबई एयर शो में भारतीय तेजस लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से हड़कंप मच गया। यह घटना उस समय हुई जब दर्शक लाइव प्रदर्शन देख रहे थे। पायलट की स्थिति अभी भी अनिश्चित है, और यह तेजस का लगभग दो वर्षों में दूसरा बड़ा हादसा है। जानें तेजस विमान की विशेषताएँ और इसके तकनीकी पहलू।
 

दुबई एयर शो में तेजस विमान का हादसा


नई दिल्ली : दुबई एयर शो के दौरान शुक्रवार को भारतीय तेजस लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से कार्यक्रम स्थल पर हड़कंप मच गया। यह घटना अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट हुई, जहाँ विमान गिरने के बाद आसमान में काले धुएँ का गुबार फैल गया। यह हादसा उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में दर्शक एयर शो का लाइव प्रदर्शन देख रहे थे।


पायलट की स्थिति पर कोई जानकारी नहीं

पायलट की स्थिति को लेकर कोई पुष्टि नहीं 
दर्शकों और उपलब्ध वीडियो फुटेज के अनुसार, तेजस लड़ाकू विमान, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है, स्थानीय समयानुसार लगभग 2:10 बजे दुर्घटनाग्रस्त हुआ। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पायलट ने समय पर इजेक्शन किया या नहीं, और न ही पायलट की स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध है। भारतीय वायुसेना ने भी इस घटना पर विस्तृत बयान जारी नहीं किया है।


तेजस विमान का दूसरा बड़ा हादसा

तेजस विमान का दूसरा बड़ा हादसा
दुबई एयर शो अंतरराष्ट्रीय विमानन क्षेत्र की एक प्रमुख प्रदर्शनी है, जहाँ इस वर्ष भी कई प्रमुख विमानन कंपनियों ने बड़े सौदों की घोषणा की है। ऐसे में तेजस का दुर्घटनाग्रस्त होना सभी के लिए एक चौंकाने वाली घटना रही। यह लगभग दो वर्षों में तेजस विमान का दूसरा बड़ा हादसा है। इससे पहले मार्च 2024 में राजस्थान के जैसलमेर में एक तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें पायलट सुरक्षित बाहर निकल आया था।


तेजस की विशेषताएँ

मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है तेजस 
तेजस एक 4.5-जनरेशन का मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है, जिसे वायु रक्षा, आक्रामक समर्थन और नज़दीकी युद्ध अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह विमान आकार में हल्का और अत्यंत फुर्तीला है, और इसे अपने वर्ग के सबसे छोटे और तेज लड़ाकू विमानों में गिना जाता है। इसकी एक प्रमुख तकनीक है मार्टिन-बेकर “जीरो-जीरो इजेक्शन सीट”, जो पायलट को शून्य ऊँचाई और शून्य गति की स्थिति में भी सुरक्षित बाहर निकलने की क्षमता प्रदान करती है। यह प्रणाली कैनोपी को विस्फोटक चार्ज से हटाकर पायलट को तेजी से विमान से दूर ले जाती है और पैराशूट खोलकर सुरक्षित अवतरण सुनिश्चित करती है।