नामीब रेगिस्तान में प्राचीन पुर्तगाली जहाज की खोज
नामीब रेगिस्तान की अद्भुत खोज
नई दिल्ली: दुनिया के सबसे प्राचीन और सूखे रेगिस्तानों में से एक, नामीब रेगिस्तान, अपनी सुनहरी रेत और बंजर भूमि के लिए प्रसिद्ध है। इस रेगिस्तान ने एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोज को जन्म दिया है, जो इतिहास के पन्नों में एक नया अध्याय जोड़ती है।
2008 में, नामीबिया के तटीय क्षेत्र में हीरा खनन के दौरान श्रमिकों को रेत के नीचे एक प्राचीन जहाज के अवशेष मिले। यह कोई साधारण जहाज नहीं था, बल्कि 16वीं शताब्दी का पुर्तगाली व्यापारिक जहाज था, जिसे 'बोम जीसस' (Bom Jesus) के नाम से जाना जाता है।
भयंकर तूफान ने जहाज को डुबो दिया
यह जहाज 1533 में लिस्बन से भारत के लिए रवाना हुआ था। उस समय पुर्तगाली साम्राज्य समुद्री व्यापार के चरम पर था, और ऐसे जहाज मसालों और कीमती धातुओं की ढुलाई करते थे। बोम जीसस पर सवार चालक दल और व्यापारी केप ऑफ गुड होप को पार करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन एक भयंकर तूफान ने इसे रास्ते से भटका दिया। माना जाता है कि तूफान के कारण जहाज चट्टानों से टकराकर डूब गया। सदियों तक रेत ने इसे ढक रखा, जिससे यह रेगिस्तान में दबा रहा। नामीब की शुष्क जलवायु ने इसे अद्भुत तरीके से संरक्षित किया।
2008 में जहाज का अवशेष मिला
इस खोज की कहानी भी दिलचस्प है। अप्रैल 2008 में, डी बीयर्स कंपनी के कर्मचारी ओरांजेमुंड के पास हीरा खदान में काम कर रहे थे। जब वे एक कृत्रिम झील से पानी निकाल रहे थे, तभी उन्हें रेत के नीचे तांबे की सिल्लियां और हाथी दांत के टुकड़े दिखाई दिए। आगे की खुदाई में एक बड़ा लकड़ी का ढांचा मिला, जो जहाज का हिस्सा था। पुरातत्वविदों की टीम ने साइट की खुदाई शुरू की और पाया कि यह सब-सहारा अफ्रीका के पश्चिमी तट पर मिला सबसे पुराना और मूल्यवान जहाज अवशेष है।
जहाज से मिले खजाने ने सभी को चौंका दिया। खुदाई में लगभग 2000 से अधिक सोने के सिक्के मिले, जिनमें अधिकांश पुर्तगाली और स्पेनिश थे। इसके अलावा, 22 टन से अधिक तांबे की सिल्लियां, सैकड़ों चांदी के सिक्के, 100 से अधिक हाथी दांत, कांस्य तोपें, नेविगेशन उपकरण, तलवारें और अन्य कीमती सामान मिले। ये सभी वस्तुएं रिनेसांस काल के यूरोपीय व्यापार की झलक दिखाती हैं। नामीब की रेत ने इन वस्तुओं को नमी और क्षय से बचाया, जिससे ये सदियों बाद भी बेहतरीन स्थिति में हैं।