नेतन्याहू की न्यूयॉर्क यात्रा: कूटनीतिक चुनौतियों का सामना
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की न्यूयॉर्क यात्रा ने कूटनीतिक और कानूनी चुनौतियों को उजागर किया है। उनकी उड़ान ने उन देशों से बचने की रणनीति अपनाई, जहाँ उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हो सकते हैं। इस यात्रा के दौरान, कई यूरोपीय देशों ने फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी, जिसे नेतन्याहू ने अस्वीकार किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का हालिया बयान भी इस यात्रा की राजनीतिक जटिलताओं को दर्शाता है। जानें इस यात्रा के पीछे की रणनीति और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया।
Sep 26, 2025, 14:22 IST
नेतन्याहू की असामान्य उड़ान
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र में भाग लेने के लिए जब उड़ान भरी, तो उनका विमान एक अनोखे मार्ग से न्यूयॉर्क की ओर बढ़ा। इस दौरान, विमान ने कई यूरोपीय देशों के हवाई क्षेत्र से गुजरने से परहेज़ किया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, फ्रांसीसी अधिकारियों ने इज़राइली विमान को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति दी थी, फिर भी विमान ने दक्षिण की ओर जाने वाला मार्ग अपनाया। यह मार्ग ग्रीस और इटली से होते हुए जिब्राल्टर की खाड़ी के दक्षिण से अटलांटिक महासागर पार किया। यह रणनीति उन देशों से बचने के लिए अपनाई गई, जहाँ नेतन्याहू के खिलाफ संभावित युद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकते हैं।
यूरोपीय देशों की फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता
इस सप्ताह, ब्रिटेन, फ्रांस और पुर्तगाल जैसे कई देशों ने फिलिस्तीनी राज्य को आधिकारिक मान्यता दी, जिसे नेतन्याहू ने सख्ती से अस्वीकार किया। इसके अलावा, मई में आयरलैंड और स्पेन ने पहले ही इस राज्य को मान्यता दी थी। पिछले नवंबर में, अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने नेतन्याहू और इज़राइल के पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलंट के खिलाफ गाजा सैन्य अभियान के दौरान कथित युद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। हाल ही में, स्पेन ने ICC की जांच का समर्थन किया और गाजा में मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच के लिए एक टीम का गठन किया, जिसका उद्देश्य इज़राइल पर दबाव डालना है कि वह संघर्ष समाप्त करे।
कूटनीतिक रणनीति और कानूनी जोखिम
नेतन्याहू की उड़ान ने न केवल कूटनीतिक रणनीति की नई परतों को उजागर किया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय न्याय और राजनीतिक सुरक्षा के बीच के जटिल संतुलन को भी सामने रखा है। आमतौर पर, किसी राष्ट्राध्यक्ष की उड़ान की योजना भौगोलिक या मौसम संबंधी कारणों पर आधारित होती है, लेकिन नेतन्याहू के मामले में यह स्पष्ट रूप से कानूनी जोखिम प्रबंधन का संकेत देती है। ICC द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट और कुछ यूरोपीय देशों की निगरानी ने नेतन्याहू को पारंपरिक हवाई मार्ग अपनाने से रोका है। यह घटना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उच्च पदस्थ नेताओं के लिए कानून और सुरक्षा की असमान चुनौतियों को दर्शाती है।
ट्रंप का बयान और इज़राइल की स्थिति
इज़राइल के प्रधानमंत्री से मुलाकात से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का एक बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इज़राइल को वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों पर कब्ज़ा करने की अनुमति देंगे, तो ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा: “अब बहुत हो गया।” उन्होंने कहा, “मैं इसे अनुमति नहीं दूँगा। ऐसा नहीं होने वाला है।” ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने दोहराया कि वह इज़राइल को वेस्ट बैंक को जोड़ने की अनुमति नहीं देंगे।
भविष्य की संभावनाएँ
ट्रंप का यह बयान उन दुर्लभ अवसरों में से एक है जब उन्होंने नेतन्याहू से अलग रुख अपनाया। वेस्ट बैंक में लगभग 30 लाख फिलिस्तीनी और 5 लाख इज़राइली बस्तियों में निवास करते हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अवैध माना जाता है। नेतन्याहू, अपने राष्ट्रवादी गठबंधन सहयोगियों के दबाव में फिलिस्तीनी राज्य की मांगों का विरोध कर रहे हैं। ट्रम्प का यह रुख फिलिस्तीनी प्रशासन और अरब देशों के लिए रणनीतिक समर्थन का संकेत है, जिससे शांति वार्ता और संघर्ष समाधान की संभावना मजबूत हो सकती है।