न्यूजीलैंड में सिख धार्मिक जुलूस पर ईसाई विरोध समूह का हमला
सिख धार्मिक जुलूस में तनाव की स्थिति
नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड में शनिवार को एक सिख धार्मिक जुलूस के दौरान तनाव उत्पन्न हो गया, जब एक ईसाई विरोध समूह ने नगर कीर्तन का सामना किया। इस घटना ने देश में धार्मिक स्वतंत्रता, अल्पसंख्यक अधिकारों और सांप्रदायिक सौहार्द पर नई बहस को जन्म दिया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना मनुरेवा क्षेत्र में आयोजित नगर कीर्तन के दौरान हुई, जिसे स्थानीय सिख समुदाय ने सभी आवश्यक प्रशासनिक अनुमतियों के साथ आयोजित किया था। इस धार्मिक और सांस्कृतिक जुलूस में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल थे और कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था।
विरोध प्रदर्शन का वीडियो वायरल
घटना का वीडियो हुए वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में 'ट्रू पैट्रियट्स ऑफ NZ' नामक समूह के सदस्य जुलूस के सामने खड़े दिखाई दे रहे हैं। पुलिस ने दोनों समूहों के बीच स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों ने नीली शर्ट पहने हुए थे, जिन पर 'कीवीज फर्स्ट', 'कीप NZ, NZ' और 'ट्रू पैट्रियट' जैसे नारे लिखे थे। उनके पास एक बड़ा बैनर भी था, जिस पर लिखा था, 'यह न्यूजीलैंड है, भारत नहीं'।
धार्मिक नारे और हाका से बढ़ा विवाद
प्रदर्शनकारियों को पारंपरिक माओरी युद्ध नृत्य हाका करते हुए और 'एक सच्चा ईश्वर' व 'यीशु' जैसे नारे लगाते हुए देखा गया। यह समूह डेस्टिनी चर्च से जुड़ा हुआ है, जो एक कट्टर ईसाई संगठन है, जिसका नेतृत्व विवादास्पद नेता ब्रायन तमाकी करते हैं।
ब्रायन तमाकी के बयान से बढ़ा तनाव
ब्रायन तमाकी ने सोशल मीडिया पर टकराव का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि यह उनकी भूमि है और वे अपने विश्वास के लिए खड़े हैं। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा कि जब विदेशी धर्मों की संख्या बढ़ रही है, तब कीवी चुप नहीं रहेंगे और यह केवल शुरुआत है। उनके बयानों ने विवाद को और बढ़ा दिया।
पुलिस ने संभाली स्थिति
इंस्पेक्टर मैट होयस ने बताया कि लगभग 50 प्रदर्शनकारियों ने दोपहर करीब 2 बजे सड़क जाम कर परेड को बाधित करने का प्रयास किया। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और अतिरिक्त बल बुलाकर यह सुनिश्चित किया कि नगर कीर्तन सुरक्षित रूप से आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि विरोध का अधिकार है, लेकिन सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सिख संगठनों और भारत ने व्यक्त की कड़ी प्रतिक्रिया
इस घटना पर न्यूजीलैंड सिख यूथ ने कड़ा बयान जारी कर विरोध किया। संगठन ने कहा कि नगर कीर्तन भक्ति, एकता और सेवा पर आधारित होता है और इसमें अक्सर मुफ्त भोजन का वितरण किया जाता है। प्रदर्शनकारियों के नारे और हाका को उन्होंने कार्यक्रम की शांतिपूर्ण भावना के खिलाफ बताया।
भारत से भी तीखी प्रतिक्रिया आई। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया और विदेश मंत्री एस जयशंकर से न्यूजीलैंड सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाने की अपील की।