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न्यूजीलैंड में सिख नगर कीर्तन पर विरोध प्रदर्शन, समुदाय में नाराजगी

न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड में सिख समुदाय का नगर कीर्तन एक विरोध प्रदर्शन के कारण बाधित हो गया, जिससे स्थानीय सिख समुदाय में नाराजगी फैल गई। इस घटना पर प्रमुख नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी शामिल हैं। जानें इस विवादास्पद घटना के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव।
 

सिख समुदाय का नगर कीर्तन बाधित


नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड के मनुरेवा क्षेत्र में शुक्रवार को सिख समुदाय द्वारा आयोजित नगर कीर्तन एक विरोध प्रदर्शन के कारण प्रभावित हुआ। यह नगर कीर्तन गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की शहादत की स्मृति में निकाला गया था। इस घटना ने स्थानीय सिख समुदाय में गहरी नाराजगी पैदा की और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तीव्र प्रतिक्रियाएं आईं।


अकाल तख्त के जत्थेदार की प्रतिक्रिया

अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे सिखों की धार्मिक परंपरा और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का प्रयास बताया। उन्होंने न्यूजीलैंड सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि ऐसी घटनाएं समाज में नफरत और विभाजन को बढ़ावा देती हैं।


हरजिंदर सिंह धामी का बयान

एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने भी इस घटना की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सिख धर्म शांति, सेवा और सभी धर्मों के प्रति सम्मान पर आधारित है। उनका कहना था कि नगर कीर्तन का विरोध करना सिख गुरुओं के सार्वभौमिक संदेश पर हमला है।


पंजाब के मुख्यमंत्री की मांग

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से न्यूजीलैंड के राजदूत को तलब करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय को विश्वभर में शांति और मेहनत के लिए जाना जाता है और इसे एक गंभीर कूटनीतिक मामला बताया।


सुखबीर सिंह बादल और भाजपा नेता की प्रतिक्रिया

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और भाजपा नेता आर पी सिंह ने भी इस घटना की निंदा की। उन्होंने विदेश मंत्रालय से सिख समुदाय की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की मांग की। इस घटना के बाद न्यूजीलैंड के 25 गुरुद्वारों की प्रबंधन समितियों ने स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।


प्रदर्शनकारियों की पहचान

प्रदर्शन करने वाले लोग पेंटेकोस्टल नेता ब्रायन तमाकी और उनकी डेस्टिनी चर्च से जुड़े बताए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और बैनर प्रदर्शित किए जिन पर लिखा था कि यह न्यूजीलैंड है, भारत नहीं। रिपोर्टों के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्षों के बीच कोई सीधी हिंसा नहीं हुई। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर दोनों समूहों को अलग किया और स्थिति को नियंत्रित किया।


नगर कीर्तन में शामिल सिख श्रद्धालुओं ने संयम बनाए रखा और किसी भी प्रकार की आक्रामक प्रतिक्रिया नहीं दी। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए, जिनमें विरोध करने वाले धार्मिक नारे लगाते हुए दिखाई दिए।