न्यूयॉर्क में ममदानी की जीत: फ़िलिस्तीनी समर्थक रुख़ से मची हलचल
न्यूयॉर्क में असाधारण जीत
न्यूयॉर्क एक साधारण शहर नहीं है, और यहाँ ज़ोहरान ममदानी की जीत ने इसे और भी खास बना दिया है। महज 34 वर्ष के ममदानी, जो भारतीय, दक्षिण एशियाई और युगांडा मूल के मुस्लिम हैं, ने अपनी जीत से वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। उनके विचार, विशेषकर फ़िलिस्तीन के प्रति समर्थन और ज़ायोनिज़्म के खिलाफ रुख़, ने इज़राइल और उसके यहूदी नागरिकों में हलचल पैदा कर दी है।
स्थानीय मुद्दों पर आधारित अभियान
यरुशलम की निवासी हाना जैगर ने ममदानी की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह यहूदियों और इज़राइल के लिए बहुत बुरा है। ममदानी का अभियान मुख्यतः स्थानीय आर्थिक मुद्दों जैसे मुफ़्त परिवहन, किफ़ायती बाल देखभाल और आवास के वादों पर आधारित था। लेकिन इज़राइल में, जो दशकों से फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में संघर्ष में उलझा हुआ है, उनका फ़िलिस्तीनी समर्थक रुख़ चर्चा का विषय बन गया है।
अमेरिकी राजनीति में बदलाव
अमेरिका की मुख्यधारा की राजनीति लंबे समय से इज़राइल समर्थक रही है, जबकि वैश्विक दृष्टिकोण इस देश की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। ममदानी का चुनाव इस रुख़ में बदलाव का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। यह अमेरिकी जनता, विशेषकर युवा डेमोक्रेटिक मतदाताओं के बीच इज़राइल के प्रति समर्थन में आई नरमी को दर्शाता है, जबकि रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप ममदानी के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे हैं।