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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव पर तुर्की में महत्वपूर्ण वार्ता

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव को लेकर आज तुर्की में महत्वपूर्ण वार्ता हो रही है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी है कि वार्ता विफल होने पर युद्ध का खतरा बढ़ सकता है। तालिबान ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह काबुल के साथ तनाव बढ़ा रहा है। इस वार्ता का क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। जानें इस वार्ता के पीछे की वजहें और इसके संभावित परिणाम।
 

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच वार्ता


आज तुर्की में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता का आयोजन होने जा रहा है। यह बैठक दोनों देशों के बीच पिछले कुछ हफ्तों से चल रहे तनाव और अफगान तालिबान द्वारा लगाए गए आरोपों के संदर्भ में हो रही है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि वार्ता सफल नहीं होती है, तो इसके परिणाम केवल युद्ध के रूप में सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास हर स्थिति के लिए विकल्प मौजूद हैं और हालात गंभीर हैं।


तालिबान के आरोप और अमेरिका की भूमिका

तालिबान ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की सेना, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के नेतृत्व में, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को दरकिनार करते हुए काबुल के साथ तनाव बढ़ा रही है। इसके अलावा, अमेरिका अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस का संचालन अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। इस तनावपूर्ण माहौल में तुर्की में होने वाली वार्ता को क्षेत्रीय स्थिरता और दोनों देशों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


ख्वाजा आसिफ की चेतावनी

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्पष्ट किया है कि यदि वार्ता असफल होती है, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास हर विकल्प है और किसी भी हमले का कड़ा जवाब देने की क्षमता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश की संप्रभुता और सुरक्षा के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आवश्यकतानुसार सभी कूटनीतिक और सैन्य उपाय अपनाए जाएंगे ताकि तनाव को नियंत्रित किया जा सके।


अफगान तालिबान के आरोप

अफगान तालिबान ने कहा है कि पाकिस्तान की सेना काबुल के साथ तनाव बढ़ा रही है। तालिबान ने पहली बार स्वीकार किया है कि अमेरिकी ड्रोन हमलों में पाकिस्तान की हवाई सीमा का उपयोग हो रहा है, जिसे रोकने में इस्लामाबाद असमर्थ है।


ट्रंप के साथ बैठक पर सवाल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वॉशिंगटन में हुई बैठक में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर शामिल थे। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि क्यों किसी देश की नागरिक सरकार के बजाय सेना प्रमुख राष्ट्रपति से मिल रहे हैं।


जंग की कगार पर दोनों देश

अफगान तालिबान के दावों और पाकिस्तानी सैन्य हलकों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। तुर्की में आज की वार्ता निर्णायक साबित हो सकती है, क्योंकि यदि यह असफल होती है, तो पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के अनुसार, अगला कदम केवल युद्ध होगा।