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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता में तनाव बढ़ा

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रही शांति वार्ता में तनाव बढ़ता जा रहा है, खासकर सीमा पर गोलीबारी की घटनाओं के कारण। तालिबान को रूस का समर्थन मिला है, जबकि भारत ने अफगानिस्तान को कृषि क्षेत्र में सहयोग देने का आश्वासन दिया है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

पाकिस्तान की चुनौतियाँ बढ़ती जा रही हैं


नई दिल्ली: पाकिस्तान की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तुर्की में चल रही शांति वार्ता पर तनाव का असर पड़ा है। जहां एक ओर दोनों देशों के प्रतिनिधि शांति स्थापित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अफगान-पाक सीमा पर गोलीबारी की घटनाओं ने इस प्रक्रिया को संदेह में डाल दिया है। इस बीच, तालिबान को रूस का समर्थन प्राप्त हुआ है, जबकि भारत ने अफगानिस्तान को कृषि क्षेत्र में सहायता देने का आश्वासन दिया है।


गोलीबारी से वार्ता का माहौल प्रभावित

सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को पाकिस्तान ने स्पिन बोल्डक क्षेत्र में गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे वार्ता का माहौल तनावपूर्ण हो गया। यह वही स्थान है जहां पहले भी कई बार झड़पें हो चुकी हैं। दोनों पक्षों ने 19 अक्टूबर को दोहा में संघर्षविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन पिछले हफ्ते इस्तांबुल में हुई वार्ता में कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की आक्रामक नीतियाँ काबुल और इस्लामाबाद के संबंधों में तनाव पैदा कर रही हैं, जिससे लंबे समय तक अस्थिरता का खतरा बना रह सकता है।


रूस का तालिबान को समर्थन

रूस ने क्यों दिया समर्थन?

इस बीच, तालिबान सरकार को रूस का अप्रत्याशित समर्थन मिला है। रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सर्गेई शोइगु ने मॉस्को में आयोजित CSTO और CIS की संयुक्त बैठक में कहा कि अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण और सकारात्मक विकास हो रहे हैं। उन्होंने अफगानिस्तान को क्षेत्रीय आर्थिक ढांचे में पुनः शामिल करने पर जोर दिया और कहा कि सुरक्षा स्थिरता तभी संभव है जब अफगानिस्तान को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए।


सीमा सुरक्षा पर जोर

सीमा सुरक्षा को मजबूत करने पर क्यों दिया जोर?

CSTO महासचिव इमानगाली तस्मागाम्बेटोव ने अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान की सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका कहना था कि अफगानिस्तान की स्थिरता पूरे मध्य एशिया क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।


भारत का कृषि क्षेत्र में सहयोग

भारत ने किस क्षेत्र में सहयोग देने का दिलाया भरोसा?

भारत ने अफगानिस्तान को कृषि क्षेत्र में सहयोग देने का आश्वासन दिया है। भारतीय राजनयिक मिशन के प्रमुख ने हाल ही में अफगानिस्तान के कृषि मंत्री से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच कृषि अनुसंधान और क्षमता निर्माण पर साझेदारी बढ़ाने की बात की। भारत का यह कदम अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।