पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय मंच पर सिंधु जल संधि पर रोना: भारत का कड़ा जवाब
पाकिस्तान की नई पटकथा
नई दिल्ली: आतंकवाद को समर्थन देने वाला पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पीड़ा बयां करने आया है। अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में खुद को पीड़ित बताने की कोशिश की है। उसने भारत पर झूठे आरोप लगाते हुए संधि की बहाली की मांग की है।
पहलगाम हमले का संदर्भ
इससे पहले, अप्रैल में हुए पहलगाम हमले में पाकिस्तान के आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की थी। इस घटना के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया। अब पाकिस्तान इस निर्णय को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाकर सहानुभूति प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का आरोप
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का ‘जल-रोदन’ प्रदर्शन
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद ने सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत पर निराधार आरोप लगाए। यह बैठक सशस्त्र संघर्षों के पर्यावरणीय प्रभाव और जलवायु से जुड़े सुरक्षा खतरों पर केंद्रित थी।
अहमद ने भारत के एकतरफा फैसले को संधि की भावना और प्रावधानों के खिलाफ बताया, यह कहते हुए कि इससे डेटा साझा करने में रुकावट आई है। उन्होंने कहा कि इससे लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है, जो इन जलस्रोतों पर निर्भर हैं।
सिंधु जल संधि का महत्व
क्या है सिंधु जल संधि?
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि 1960 में हस्ताक्षरित हुई थी, जिसमें सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों का जल विभाजन किया गया था। पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चेनाब) पाकिस्तान को और पूर्वी नदियाँ (रावी, व्यास, सतलज) भारत को दी गईं। यह समझौता दोनों देशों के बीच जल वितरण का आधार रहा है, लेकिन पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण भारत ने इसे पुनर्विचार करने का निर्णय लिया है।
पाकिस्तान की गिड़गिड़ाहट
पाकिस्तान की गिड़गिड़ाहट
संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण के दौरान, पाकिस्तानी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि संधि में एकतरफा निलंबन या संशोधन की अनुमति नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत संधि का सम्मान करेगा और सामान्य प्रक्रिया को जल्द बहाल करेगा। यह बयान तब आया है जब पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन भारत में हिंसा फैला रहे हैं।
भारत का स्पष्ट संदेश
भारत का स्पष्ट संदेश
भारत ने पाकिस्तान की इस बयानबाजी को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। भारत का स्पष्ट रुख है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद पर नियंत्रण नहीं करता, तब तक किसी भी प्रकार की बातचीत या सहयोग संभव नहीं है। संधि के निलंबन के बाद, भारत ने सिंधु प्रणाली की तीनों नदियों के जल प्रवाह का डेटा साझा करना बंद कर दिया है, जिससे पाकिस्तान चिंतित है।