पाकिस्तान का उत्तर कोरिया में दूतावास खोलने का विचार: भारत के लिए चिंता का विषय
पाकिस्तान का नया कदम
नई दिल्ली: पाकिस्तान एक बार फिर उत्तर कोरिया में अपना दूतावास खोलने पर विचार कर रहा है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया जा रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा किया है कि पाकिस्तान और चीन सहित कई अन्य देश परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के शासन में यह कदम भारत के लिए चिंता का विषय बन सकता है।
दूतावास खोलने का औपचारिक अनुरोध
रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में बताया कि उत्तर कोरिया से इस्लामाबाद को एक औपचारिक संदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें दूतावास को फिर से खोलने का अनुरोध किया गया है। कोविड-19 महामारी के कारण पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया में अपना दूतावास बंद कर दिया था, और अब इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों की सीमाएं
डार ने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंध सीमित हैं। हालांकि, पाकिस्तान का कहना है कि वह कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और एकता का समर्थन जारी रखेगा। भारत इस कदम पर सतर्क है, क्योंकि अतीत में उत्तर कोरिया की परमाणु तकनीक पाकिस्तान के वैज्ञानिक नेटवर्क से जुड़ी रही है।
भारत की आपत्ति
भारत ने 2017 में औपचारिक रूप से उत्तर कोरिया और उसके नेटवर्क की जांच की मांग की थी। 2022 में, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह मुद्दा उठाया था कि डीपीआरके की परमाणु और मिसाइल तकनीकें दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं। भारत ने कहा था कि ऐसी गतिविधियां पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
ट्रंप की घोषणा
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में परमाणु हथियारों के परीक्षण फिर से शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह कदम इसलिए आवश्यक है क्योंकि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान पहले से ही ऐसा कर रहे हैं। ट्रंप ने इसे 'बराबरी के आधार पर प्रतिस्पर्धा' बताया। उनका यह बयान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से पहले दिया गया था।
भारत के लिए संभावित खतरा
भारत के लिए यह स्थिति चिंताजनक हो सकती है, क्योंकि पाकिस्तान और उत्तर कोरिया दोनों ही परमाणु गतिविधियों के लिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी में हैं। यदि पाकिस्तान उत्तर कोरिया में अपना दूतावास फिर से खोलता है, तो भारत को इस कदम में संभावित परमाणु सहयोग का खतरा दिखाई दे सकता है।