पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर अमेरिका के गोपनीय दस्तावेज़ों में चिंता
पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर गंभीर चिंताएँ
नवीनतम जानकारी के अनुसार, अमेरिका के हालिया गोपनीय दस्तावेज़ों में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर गंभीर चिंताएँ व्यक्त की गई हैं। इन दस्तावेज़ों में उल्लेख है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लगभग 24 वर्ष पूर्व तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को वैश्विक खतरा बताया था। यह जानकारी उस समय सामने आई है जब विश्व स्तर पर परमाणु सुरक्षा और आतंकवाद के प्रति चिंताएँ बढ़ती जा रही हैं।
दस्तावेज़ों के अनुसार, पुतिन ने 2001 में बुश से बातचीत के दौरान कहा था कि पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता, कट्टरपंथी समूहों की सक्रियता और सैन्य-खुफिया तंत्र की जटिलता परमाणु हथियारों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकती है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि स्थिति बिगड़ती है, तो ये हथियार गलत हाथों में जा सकते हैं, जिसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
अमेरिकी दस्तावेज़ यह भी दर्शाते हैं कि उस समय अमेरिका और उसके सहयोगी देशों में इस बात पर चर्चा चल रही थी कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर कैसे निगरानी रखी जाए और किसी भी आपात स्थिति में नुकसान को कैसे रोका जाए। विशेष रूप से 9/11 के बाद वैश्विक आतंकवाद के खतरे को देखते हुए यह चिंता और भी बढ़ गई थी।
आज भी यह विषय अत्यंत संवेदनशील बना हुआ है। पाकिस्तान में समय-समय पर होने वाली राजनीतिक उथल-पुथल, आंतरिक हिंसा और आतंकवादी गतिविधियाँ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को बढ़ाती हैं। हालांकि, पाकिस्तान लगातार यह दावा करता रहा है कि उसके परमाणु हथियार पूरी तरह सुरक्षित और कड़े नियंत्रण में हैं।
इस खुलासे के बाद एक बार फिर परमाणु अप्रसार, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा पर चर्चा तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पारदर्शिता और संवाद की आवश्यकता है।