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पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने पहलगाम हमले के बाद की स्थिति का किया खुलासा

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद की स्थिति का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें बंकर में जाने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे मानने से इनकार कर दिया। जानें इस हमले के पीछे की कहानी और भारत की सैन्य कार्रवाई के प्रभाव के बारे में।
 

पाकिस्तान में हड़कंप: जरदारी का बयान


नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी थी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बताया कि उस समय उन्हें बंकर में जाने की सलाह दी गई थी। उन्होंने कहा कि मई में स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि उनके सैन्य सचिव ने उन्हें चेतावनी दी थी कि युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।


जरदारी ने कहा कि उनके सैन्य सचिव ने उन्हें बताया कि भारत की कार्रवाई के बाद हालात बिगड़ गए हैं और उन्हें तुरंत बंकर में शरण लेनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने इस सलाह को मानने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि उन्हें पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति का अंदाजा था।


आतंकी हमले का विवरण

क्या था पूरा मामला?


22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी। भारत ने इस हमले के लिए सीमा पार आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया और कड़ा जवाब देने का निर्णय लिया। 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए।


भारतीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया

भारतीय अधिकारियों ने क्या बताया?


भारतीय अधिकारियों के अनुसार, ये हमले सीमित और सटीक थे, जिनका उद्देश्य आतंकी ढांचे को कमजोर करना और भविष्य के हमलों को रोकना था। भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने सीमा पर भारी गोलाबारी की, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी सख्त कार्रवाई की। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और बड़े सैन्य टकराव की आशंका उत्पन्न हो गई।


सीजफायर का प्रस्ताव

किसकी ओर से रखा गया सीजफायर का प्रस्ताव?


इस बीच, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क किया और संघर्ष विराम का प्रस्ताव रखा। भारत ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिसे बाद में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पुष्टि की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने जमीन, समुद्र और हवा में सभी सैन्य गतिविधियां रोकने पर सहमति जताई।


मई में हुआ यह टकराव हाल के वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे गंभीर सैन्य तनावों में से एक था। जरदारी का बयान इस बात का संकेत है कि भारत की सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान के नेतृत्व को गहराई से प्रभावित किया था।