पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख असीम मुनीर की कठिन परीक्षा: गाजा में सैनिक भेजने का दबाव
पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर को गाजा में सैनिक भेजने के लिए अमेरिका द्वारा दबाव का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति न केवल पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति को प्रभावित कर सकती है, बल्कि मुनीर के लिए भी एक कठिन परीक्षा बन गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मुनीर इस आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें ट्रंप का गुस्सा झेलना पड़ेगा, जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा सहायता को प्रभावित कर सकता है। जानें इस जटिल स्थिति के विभिन्न पहलुओं के बारे में।
Dec 17, 2025, 12:07 IST
असीम मुनीर की चुनौती
पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य अधिकारियों में से एक, फील्ड मार्शल असीम मुनीर, इस समय अपने करियर की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं। अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव डाला है कि वह गाजा में प्रस्तावित शांति बल के लिए अपने सैनिक भेजे। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से पाकिस्तान में गंभीर राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया उत्पन्न हो सकती है।
अमेरिका की मांग और मुनीर की यात्रा
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका के इस आदेश के मद्देनजर, मुनीर जल्द ही वॉशिंगटन की यात्रा कर सकते हैं। वहां उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात तय है, जो पिछले छह महीनों में उनकी तीसरी मुलाकात होगी। इस बैठक का मुख्य विषय गाजा में पाकिस्तानी सेना की तैनाती होगा। ट्रंप की 20 सूत्रीय योजना में यह भी शामिल है कि मुस्लिम देशों की एक सैन्य टुकड़ी गाजा में पुनर्निर्माण और आर्थिक पुनरुद्धार की निगरानी करेगी। यह क्षेत्र पिछले दो वर्षों से इज़रायली बमबारी का शिकार रहा है।
अंतरराष्ट्रीय चिंताएँ
हालांकि, केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि अन्य देश भी अमेरिका के इस मिशन को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि इसमें हमास को निरस्त्र करने का जोखिम शामिल है, जो उन्हें सीधे संघर्ष में खींच सकता है। पाकिस्तान के लिए समस्या यह है कि मुनीर ने ट्रंप के साथ करीबी संबंध बना लिए हैं, जिससे अमेरिका का आदेश टालना मुश्किल हो गया है।
विशेषज्ञों की राय
वॉशिंगटन स्थित अटलांटिक काउंसिल के विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन का कहना है कि यदि पाकिस्तान गाजा बल में योगदान नहीं देता, तो ट्रंप नाराज़ हो सकते हैं। यह पाकिस्तान के लिए एक गंभीर समस्या है, जो अमेरिकी निवेश और सुरक्षा सहायता के लिए ट्रंप की कृपा बनाए रखना चाहता है।
मुनीर की नई भूमिका
हाल ही में मुनीर को थल, वायु और नौसेना के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है, और उनका कार्यकाल 2030 तक बढ़ा दिया गया है। उन्हें आजीवन फील्ड मार्शल का दर्जा भी मिला है। हाल के हफ्तों में, मुनीर ने इंडोनेशिया, मलेशिया, सऊदी अरब, तुर्की, जॉर्डन, मिस्र और कतर के नेताओं से मुलाकात की है।
आंतरिक खतरे
पाकिस्तान में कट्टरपंथी इस्लामी दलों में जनसमर्थन और भीड़ जुटाने की क्षमता है। हाल ही में एक हिंसक इज़रायल विरोधी संगठन को प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन उसकी विचारधारा अब भी सक्रिय है। इसके अलावा, जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी भी मुनीर के खिलाफ अवसर की तलाश में है।
मुनीर की दुविधा
असीम मुनीर आज पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली सैन्य शासक हैं, लेकिन यह शक्ति उनके लिए एक बोझ बनती जा रही है। ट्रंप का गाजा प्रस्ताव उनके लिए एक कठिन निर्णय बन गया है। यदि मुनीर गाजा में पाकिस्तानी सेना भेजते हैं, तो वह एक संवेदनशील स्थिति में फंस सकते हैं।
संभावित परिणाम
यदि मुनीर गाजा में सैनिक भेजने से इंकार करते हैं, तो उन्हें ट्रंप का गुस्सा झेलना पड़ेगा, जो केवल बयानबाज़ी तक सीमित नहीं रहेगा। अमेरिकी निवेश, आईएमएफ का समर्थन, सैन्य सहायता और कूटनीतिक संरक्षण सब दांव पर लग सकते हैं।
अंतिम विचार
ट्रंप के साथ करीबी रिश्ता अब मुनीर के लिए एक चुनौती बन गया है। गाजा अब केवल एक अंतरराष्ट्रीय संकट नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान की आंतरिक स्थिरता और मुनीर के भविष्य की अग्निपरीक्षा भी बन चुका है।