पाकिस्तान ने तुर्की में अपने नए युद्धपोत पीएनएस खैबर का किया कमीशन, एर्दोगान ने दी बधाई
पीएनएस खैबर का कमीशन समारोह
पाकिस्तान नौसेना ने अपने दूसरे आधुनिक युद्धपोत, पीएनएस खैबर, को तुर्की के इस्तांबुल शिपयार्ड में औपचारिक रूप से सेवा में शामिल किया। इस महत्वपूर्ण समारोह में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि पाकिस्तान नौसेना के प्रमुख एडमिरल नवेद अशरफ भी वहां मौजूद थे।
भाईचारे की प्रशंसा
समारोह के दौरान, एर्दोगान ने पाकिस्तान और तुर्की के बीच गहरे भाईचारे की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और बढ़ावा दिया जाना चाहिए। एडमिरल नवेद अशरफ ने तुर्की की कंपनी अस्फात और शिपयार्ड की टीम की प्रशंसा की, जिन्होंने जहाज के डिजाइन और निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
पीएनएस खैबर का दौरा
राष्ट्रपति एर्दोगान ने पीएनएस खैबर का दौरा किया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने जहाज के क्रू से बातचीत की और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा पर एडमिरल अशरफ के साथ चर्चा की। दोनों नेताओं ने भविष्य में पाकिस्तान और तुर्की नौसेना के संयुक्त अभ्यासों पर जोर दिया।
मिल्गेम प्रोजेक्ट का विवरण
2018 में पाकिस्तान और तुर्की की अस्फात कंपनी के बीच चार मिल्गेम क्लास कोर्वेट बनाने का समझौता हुआ था। इनमें से दो जहाज तुर्की में और दो कराची शिपयार्ड में तुर्की की तकनीकी सहायता से बनाए जा रहे हैं। पीएनएस खैबर दूसरा जहाज है, जो तुर्की में पूरा हुआ।
पहला जहाज, पीएनएस बाबर, पहले ही पाकिस्तानी नौसेना में शामिल हो चुका है। शेष दो जहाज, 'पीएनएस बेदर' और 'पीएनएस तारिक', क्रमशः 2026 और 2027 में सेवा में आएंगे।
जहाज की विशेषताएँ
मिल्गेम क्लास जहाज पाकिस्तान नौसेना के सबसे उन्नत सतही युद्धपोत हैं। ये आधुनिक कमांड सिस्टम, नवीनतम हथियार और उन्नत सेंसर्स से लैस हैं। ये एंटी-सबमरीन, एयर डिफेंस और सर्फेस वारफेयर में सक्षम बहुउद्देशीय कोर्वेट हैं।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कमीशनिंग पर नौसेना को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पीएनएस खैबर समुद्री सीमाओं की रक्षा को मजबूत करेगा और व्यापार मार्गों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।