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पाकिस्तान ने भारतीय विमानों पर प्रतिबंध को बढ़ाया, अब 2026 तक रहेगा लागू

पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध को 24 जनवरी 2026 तक बढ़ा दिया है। यह बैन पिछले आठ महीनों से लागू है और इसके पीछे भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का हाथ है। जानें इस प्रतिबंध के कारण, इसकी शुरुआत और पाकिस्तान को हो रहे आर्थिक नुकसान के बारे में। क्या यह स्थिति दोनों देशों की एविएशन इंडस्ट्री को प्रभावित कर रही है? पढ़ें पूरी जानकारी।
 

पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र प्रतिबंध


पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र में लगाए गए प्रतिबंध को फिर से बढ़ा दिया है। यह बैन अब 24 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा। पाकिस्तान एयरपोर्ट्स अथॉरिटी (PAA) ने 17 दिसंबर 2025 को एक नया नोटिस जारी किया, जिसमें यह जानकारी दी गई। इसके चलते भारतीय वाणिज्यिक और सैन्य विमानों को पाकिस्तानी एयरस्पेस का उपयोग नहीं करने दिया जाएगा।


नए नोटम की जानकारी

क्या कहता है नया नोटम ?


नोटिस के अनुसार, यह प्रतिबंध 16 दिसंबर 2025 से 24 जनवरी 2026 तक लागू रहेगा। यह सभी भारतीय रजिस्टर्ड, स्वामित्व वाले, संचालित या लीज पर लिए गए विमानों पर लागू है, जिसमें सैन्य विमान भी शामिल हैं। पाकिस्तान के कराची और लाहौर फ्लाइट इंफॉर्मेशन रीजन में कोई भी भारतीय विमान उड़ान नहीं भर सकेगा। यह बैन पिछले आठ महीनों से लागू है और अब इसे आगे बढ़ाया गया है।


प्रतिबंध की शुरुआत

बैन की शुरुआत कब हुई


यह प्रतिबंध अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुआ था। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके चलते दोनों देशों ने एक-दूसरे के विमानों के लिए अपनी हवाई सीमा बंद कर दी।


पाकिस्तान ने यह कदम भारत द्वारा इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित करने के जवाब में उठाया था। तब से यह बैन हर महीने बढ़ाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत ने भी पाकिस्तानी विमानों पर इसी तरह का प्रतिबंध लगाया हुआ है।


आर्थिक नुकसान

पाकिस्तान को हो रहा भारी नुकसान


इस बैन के कारण पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। पहले भारतीय विमानों के ओवरफ्लाइट से पाकिस्तान को अच्छी आय होती थी, जो अब बंद हो गई है। इसके अलावा, पाकिस्तानी एयरलाइंस को भारत के ऊपर से उड़ान न भरने के कारण लंबे रूट अपनाने पड़ते हैं, जिससे ईंधन और समय दोनों का खर्च बढ़ जाता है।


विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति दोनों देशों की एविएशन इंडस्ट्री को प्रभावित कर रही है, लेकिन पाकिस्तान पर इसका प्रभाव अधिक है। कुल मिलाकर, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने के कोई संकेत नहीं हैं। यह बैन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी प्रभावित कर रहा है, विशेषकर यूरोप और मध्य एशिया जाने वाली उड़ानों पर।