पाकिस्तान में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर आतंकवादी हमला विफल
पाकिस्तान में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर हमला
पाकिस्तान में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर हमला: खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकवादियों ने पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर आत्मघाती हमले का प्रयास किया, जिसे सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। इस मुठभेड़ में छह आतंकवादी मारे गए, जबकि तीन पुलिसकर्मियों की भी जान चली गई। अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादी भारी हथियारों से लैस थे और उनका उद्देश्य स्कूल में घुसकर व्यापक नुकसान पहुंचाना था।
डीपीओ डेरा इस्माइल खान के नेतृत्व में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए क्षेत्र को घेर लिया और जवाबी फायरिंग में सभी छह आतंकवादियों को मार गिराया। हालांकि, इस दौरान तीन पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए, जिनमें से बाद में तीन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। सुरक्षा एजेंसियों ने घटनास्थल से विस्फोटक सामग्री, राइफलें और गोला-बारूद बरामद किया है।
टीटीपी के आतंकियों का हमला
टीटीपी के आतंकियों ने किया हमला: पुलिस के अनुसार, यह हमला प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा किया गया था। टीटीपी ने हाल के महीनों में पाकिस्तान में कई सुरक्षाबलों पर हमले किए हैं। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत लंबे समय से इन आतंकी गतिविधियों का केंद्र बने हुए हैं।
सर्च ऑपरेशन जारी
पूरे क्षेत्र को सील कर सर्च ऑपरेशन जारी: सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों को पहले से खुफिया जानकारी थी कि टीटीपी किसी बड़े हमले की योजना बना रहा है। हालांकि आतंकियों ने अचानक हमला किया, लेकिन पुलिस और रेंजर्स ने मिलकर स्थिति को नियंत्रित कर लिया। स्थानीय प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को सील कर दिया है और सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है ताकि किसी अन्य आतंकवादी को पकड़ा जा सके।
जुमे की नमाज के बाद हमला
जुमे की नमाज के बाद आतंकी हमला: इसी बीच, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चनाब नगर में शुक्रवार को अहमदी समुदाय की बेत-उल-महदी मस्जिद पर जुमे की नमाज के बाद आतंकवादी हमला हुआ। इस हमले में कई वॉलंटियर्स घायल हो गए और एक हमलावर मौके पर मारा गया। यह घटना पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय पर बढ़ते हमलों की एक और कड़ी है।
दोषियों की गिरफ्तारी की मांग
दोषियों की गिरफ्तारी और सजा की मांग: स्थानीय पुलिस ने बताया कि हमले के तुरंत बाद मस्जिद को खाली कराया गया और जांच टीमों को बुलाया गया। अहमदी समुदाय ने सरकार से दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग की है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों और सुरक्षा बलों पर लगातार हो रहे हमलों ने एक बार फिर वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।