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पाकिस्तान में भूकंप का कहर: तीन दिनों में तीसरी बार आई धरती की गड़गड़ाहट

पाकिस्तान में सोमवार को 4.7 तीव्रता का भूकंप आया, जो पिछले तीन दिनों में तीसरा झटका है। इसने नागरिकों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिस्मिक गतिविधि का संकेत हो सकता है, जो एक बड़े भूकंप की पूर्व चेतावनी भी हो सकती है। जानें इस स्थिति पर सरकारी एजेंसियों की प्रतिक्रिया और लोगों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम।
 

पाकिस्तान में भूकंप की नई लहर


पाकिस्तान में भूकंप 2025: सोमवार को पाकिस्तान में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए, जब रिक्टर स्केल पर 4.7 की तीव्रता दर्ज की गई। यह पिछले तीन दिनों में देश में आया तीसरा भूकंप है, जिसने नागरिकों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। लगातार हो रही भूकंपीय गतिविधियों ने न केवल सामान्य जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि अधिकारियों की चिंता भी बढ़ा दी है।


लोगों में दहशत, घरों से बाहर भागे

सोमवार को जैसे ही भूकंप के झटके महसूस हुए, लोग डर के मारे अपने घरों और इमारतों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें लोग खुले मैदानों में खड़े नजर आ रहे हैं। हालांकि, अब तक किसी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है, लेकिन भूकंप के केंद्र के निकट क्षेत्रों में हल्की दरारें और दीवारों से प्लास्टर गिरने की घटनाएं हुई हैं।


भूकंप का केंद्र और गहराई

पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (PMD) के अनुसार, यह भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह के समय आया, और इसका केंद्र पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में था। भूकंप की गहराई लगभग 10 किलोमीटर थी, जिससे यह एक कम गहराई वाला भूकंप बनता है। ऐसे भूकंप आमतौर पर सतह पर अधिक प्रभाव डालते हैं।


तीन दिनों में तीन बार भूकंप

यह भूकंप पिछले तीन दिनों में आया तीसरा बड़ा झटका है। इससे पहले, दो अन्य मध्यम तीव्रता वाले भूकंप पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में महसूस किए गए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिस्मिक एक्टिविटी का संकेत हो सकता है, जो एक बड़े भूकंप की पूर्व चेतावनी भी हो सकती है।


विशेषज्ञों की चेतावनी, सतर्क रहने की आवश्यकता

भूकंप विज्ञानियों ने आम जनता और प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि पाकिस्तान भूकंप संभावित क्षेत्र में स्थित है, खासकर हिंदूकुश पर्वतीय क्षेत्र के पास, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की गतिविधि काफी तेज रहती है। इन झटकों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह एक बड़े और विनाशकारी भूकंप का संकेत हो सकता है।


सरकारी एजेंसियां तैयार, राहत दल सक्रिय

भूकंप के बाद, सरकार की आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने स्थिति की समीक्षा शुरू कर दी है। राहत और बचाव दलों को तुरंत तैयार रहने के लिए कहा गया है। स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जाए और इमारतों की संरचनात्मक जांच कराई जाए।


क्या यह खतरे की घंटी है?

हालांकि 4.7 की तीव्रता का भूकंप बहुत बड़ा नहीं माना जाता, लेकिन तीन दिनों में तीन बार धरती का कांपना सामान्य भूगर्भीय प्रक्रिया से परे का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में सरकार और जनता दोनों को सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि भविष्य में बड़े झटके की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।