पाकिस्तान में सियासी तनाव: इमरान खान की बहनों पर केमिकल पानी का हमला
पाकिस्तान में सियासी तनाव की नई लहर
नई दिल्ली: पाकिस्तान में राजनीतिक तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। रावलपिंडी के अदियाला जेल के बाहर पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के समर्थकों पर कथित तौर पर रासायनिक तत्वों वाला पानी छोड़े जाने का आरोप लगा है। इस प्रदर्शन में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहनें, पार्टी के नेता और बड़ी संख्या में समर्थक शामिल थे। इस घटना के बाद शहबाज शरीफ की सरकार और आर्मी चीफ आसिम मुनीर पर दमनात्मक कार्रवाई के आरोप और भी बढ़ गए हैं।
प्रदर्शन का कारण
पीटीआई के अनुसार, इमरान खान से मिलने की मांग को लेकर उनकी बहनें अलीमा खान, उज्मा खान और नोरीन खान नियाजी समर्थकों के साथ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही थीं। इसी दौरान पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिसमें रासायनिक तत्व होने का आरोप है। ठंड के मौसम में इस कार्रवाई से कई प्रदर्शनकारियों की स्थिति बिगड़ गई।
समर्थकों का गुस्सा क्यों बढ़ा?
इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिससे समर्थकों में आक्रोश और बढ़ गया है। पीटीआई ने इसे महिलाओं, बुजुर्गों और आम नागरिकों के खिलाफ खुला अत्याचार बताया है। पार्टी का कहना है कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद इमरान खान की बहनों और वकीलों को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है।
हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी?
हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि इमरान खान से सप्ताह में दो बार मुलाकात कराई जाए। इसके बावजूद प्रशासन पर आदेशों की अनदेखी का आरोप लगाया गया है। इमरान खान की आवाज को जन-जन तक पहुंचाने के लिए खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी भी सक्रिय हो गए हैं। कोहाट में आयोजित एक रैली में उन्होंने पीटीआई समर्थकों से हर हाल में तैयार रहने का आह्वान किया।
हकीकी आजादी का नारा
उन्होंने कहा कि पार्टी हकीकी आजादी की लड़ाई जारी रखेगी। अफरीदी ने कहा कि अगर आंदोलन हुआ तो लोग या तो कफन में लौटेंगे या आजादी लेकर आएंगे। इमरान खान की बहन अलीमा खान ने दावा किया कि पाकिस्तान में न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार बंद होने से बेरोजगारी बढ़ रही है और सुरक्षा हालात बिगड़ रहे हैं।
पीटीआई के आरोप
उन्होंने सरकार से पूछा कि राजनीतिक बातचीत के नाम पर आखिर क्या चर्चा हुई है, इसकी जानकारी परिवार को क्यों नहीं दी जा रही। पीटीआई ने आरोप लगाया कि मंगलवार को भी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया।
महिलाओं और बुजुर्गों को भी नहीं बख्शा गया और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। पार्टी ने चेतावनी दी है कि इस तरह का दमन लंबे समय तक नहीं चल सकता।