पाकिस्तान में सुरक्षा की चिंता: जनरल आसिम मुनीर की बुलेटप्रूफ वर्दी पर उठे सवाल
पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति में बदलाव
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में सैन्य और राजनीतिक हलचलें बढ़ गई हैं। सेना के उच्च पदों पर बैठे जनरल अब पहले की तरह निडर नहीं दिखाई दे रहे हैं। सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा पहले से कहीं अधिक कड़ी हो गई है। आर्मी चीफ आसिम मुनीर की हालिया गतिविधियों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके हालिया दौरे में उनकी वर्दी असामान्य रूप से भारी और उभरी हुई नजर आई, जिसे विशेषज्ञ बुलेटप्रूफ जैकेट से जोड़कर देख रहे हैं।
बुलेटप्रूफ वर्दी की चर्चा
आसिम मुनीर की लीबिया यात्रा के दौरान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं। इन तस्वीरों में उनकी सैन्य पोशाक में स्पष्ट उभार दिखाई दे रहा था। आमतौर पर ऐसी वर्दी रोजमर्रा के दौरे में नहीं पहनी जाती। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुरक्षा उपकरण हो सकता है। पाकिस्तान में इस पर बहस छिड़ गई है, और सवाल उठ रहा है कि यदि हालात सामान्य हैं, तो इतनी सुरक्षा की आवश्यकता क्यों है। यह चर्चा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहुंच चुकी है।
खतरा: बाहरी या आंतरिक?
यह पहली बार नहीं है जब आर्मी चीफ ने अतिरिक्त सुरक्षा का सहारा लिया है। रावलपिंडी में आयोजित कोर कमांडर कॉन्फ्रेंस में भी वे बुलेटप्रूफ शीशे के पीछे बैठे नजर आए। यह व्यवस्था आमतौर पर आपात स्थितियों में होती है, जिससे यह संकेत मिलता है कि खतरे की आशंका गंभीर है। कई विश्लेषक इसे आंतरिक असंतोष से जोड़कर देख रहे हैं। सेना के भीतर तनाव की खबरें पहले भी आती रही हैं, और इस तरह का नेतृत्व का छिपना सवाल उठाता है।
राजनीतिक स्थिति की सुरक्षा
पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति भी ज्यादा स्थिर नहीं दिख रही है। राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने खुद स्वीकार किया है कि डर के कारण उन्हें बंकर में जाना पड़ा। यह बयान अपने आप में एक बड़ा संकेत है। जब राष्ट्रपति सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, तो स्थिति की गंभीरता समझी जा सकती है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से सत्ता के गलियारों में बेचैनी बढ़ गई है, और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की राजनीति में इस मुद्दे पर बयानबाजी तेज हो गई है। इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने सेना प्रमुख को निशाने पर लिया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि जनरल खुद डरे हुए हैं और बिना सुरक्षा के वे सामने नहीं आ सकते। इन बयानों ने माहौल को और गरमा दिया है। पाकिस्तान में सेना पर सवाल उठाना असामान्य माना जाता है, लेकिन इस बार आवाजें खुलकर सामने आ रही हैं।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर आसिम मुनीर की तस्वीरों पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। कई यूजर्स ने लिखा कि यह ताकत का नहीं, बल्कि डर का संकेत है। कुछ ने कहा कि नेतृत्व को अपने सैनिकों पर भरोसा नहीं रहा। वायरल पोस्ट में वर्दी की बनावट पर ध्यान केंद्रित किया गया है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या सेना प्रमुख अपनी ही फौज से असुरक्षित हैं। इन प्रतिक्रियाओं ने बहस को और हवा दी है, और अंतरराष्ट्रीय दर्शक भी इस चर्चा में शामिल हो गए हैं।
पाकिस्तान की छवि पर प्रभाव
जब किसी देश का सबसे ताकतवर जनरल बुलेटप्रूफ में दिखाई दे, तो यह स्पष्ट संदेश देता है। यह सुरक्षा से अधिक असुरक्षा की कहानी कहता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की छवि में बदलाव आया है, और बाहरी दुनिया इसे कमजोरी के रूप में देख रही है। सेना की साख पर भी इसका असर पड़ता है, और नेतृत्व का आत्मविश्वास सवालों में है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गहराने के संकेत दे रहा है।