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पाकिस्तान में सेना प्रमुख को और शक्तिशाली बनाने की तैयारी: जानें क्या है आर्टिकल 243 का महत्व

पाकिस्तान की सरकार सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को अधिक अधिकार देने के लिए संविधान में संशोधन करने की योजना बना रही है। इस कदम से उनकी स्थिति और मजबूत होगी। जानें कि आर्टिकल 243 क्या है और इसका नागरिक प्रशासन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव पाकिस्तान में विधायिका, न्यायपालिका और सेना के बीच शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है। भारत भी इस पर करीबी नजर रखे हुए है।
 

पाकिस्तान में सेना की शक्ति में वृद्धि


पाकिस्तान में एक बार फिर से सेना की ताकत को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को अधिक अधिकार देने के लिए संविधान में संशोधन करने की योजना बना रही है। इस कदम से पाकिस्तानी सेना प्रमुख की स्थिति और भी मजबूत होने की संभावना है।


आसिम मुनीर को सम्मानित करने का कारण

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद से सम्मानित किया था। यह सम्मान पहले केवल पूर्व राष्ट्रपति अयूब खान को मिला था। पदोन्नति के बाद मुनीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ कई अंतरराष्ट्रीय यात्राएं की हैं। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी उन्हें व्हाइट हाउस में लंच के लिए आमंत्रित किया था।


संविधान में प्रस्तावित संशोधन

इस संवैधानिक संशोधन की जानकारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक ट्वीट के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री शरीफ ने इस प्रस्ताव पर समर्थन के लिए उनकी पार्टी से संपर्क किया है। यह 27वां संविधान संशोधन होगा, जिसमें न्यायपालिका और संवैधानिक अदालतों से जुड़े कुछ प्रावधानों में बदलाव के साथ-साथ सेना से संबंधित आर्टिकल 243 में भी संशोधन की योजना है।


आर्टिकल 243 का महत्व

पाकिस्तान के संविधान का आर्टिकल 243 सशस्त्र बलों की कमान और नियंत्रण से संबंधित है। वर्तमान में यह शक्ति संघीय सरकार के पास है, लेकिन प्रस्तावित संशोधन के बाद सेना प्रमुख की भूमिका और प्रभाव में वृद्धि हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे नागरिक प्रशासन पर सेना का नियंत्रण और भी मजबूत हो जाएगा।


भारत के लिए संभावित प्रभाव

संविधान संशोधन को पारित करने के लिए पाकिस्तान की संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बदलावों से पाकिस्तान में विधायिका, न्यायपालिका और सेना के बीच शक्ति संतुलन में बदलाव आ सकता है। भारत भी इन घटनाक्रमों पर ध्यान दे रहा है, क्योंकि आसिम मुनीर पहले से ही भारत-विरोधी बयानों और कश्मीर के मुद्दे पर आक्रामक रुख के लिए जाने जाते हैं।