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पाकिस्तानी सेना की सख्त चेतावनी: क्या इमरान खान और फजलुर रहमान हैं निशाने पर?

पाकिस्तानी सेना ने राजनीतिक नेताओं को एक स्पष्ट चेतावनी दी है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा को कमजोर करने वाली गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की अध्यक्षता में हुई कॉर्प्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में इमरान खान और मौलाना फजलुर रहमान जैसे नेताओं को सीधे निशाना बनाया गया है। इस लेख में जानें कि कैसे यह चेतावनी पाकिस्तान की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है और इसके पीछे की वजहें क्या हैं।
 

पाकिस्तानी सेना की धमकी


पाकिस्तान की सेना ने राजनीतिक नेताओं को स्पष्ट चेतावनी दी है। आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की अध्यक्षता में आयोजित कॉर्प्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा को कमजोर करने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह राजनीतिक हो या अन्य। यह बयान इमरान खान और मौलाना फजलुर रहमान जैसे नेताओं को सीधे तौर पर लक्षित करता है।


सेना की सख्त चेतावनी

रावलपिंडी में दिसंबर 2025 में आयोजित 273वीं कॉर्प्स कमांडर्स बैठक के बाद पाक सेना ने एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि देश की एकता और स्थिरता को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी इरादे को सहन नहीं किया जाएगा।


सेना और जनता के बीच फूट डालने की कोशिश करने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा। बैठक में आंतरिक और बाहरी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और उभरते खतरों पर ध्यान केंद्रित किया गया।


किस पर है निशाना?

यह बयान ऐसे समय में आया है जब दो प्रमुख नेता सेना की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं। मौलाना फजलुर रहमान ने 21 दिसंबर को कराची में कहा कि अगर पाकिस्तान अफगानिस्तान पर हमले को सही मानता है, तो भारत का मुरीदके या बहावलपुर पर हमला करना क्या गलत है?


वहीं, जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार सेना पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने जनरल मुनीर को मानसिक रूप से अस्थिर और नैतिक रूप से गिरा हुआ बताया है।


सेना का पुराना रवैया

इससे पहले, ISPR के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने इमरान खान को आत्ममुग्ध और मानसिक रूप से बीमार कहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि खान मीडिया के माध्यम से सेना के खिलाफ साजिश कर रहे हैं।


अब नई नीति में सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी हरकतें अब सहन नहीं की जाएंगी। सेना ने भारत को भी घसीटा और कहा कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा।


मुनीर के निर्देश

जनरल मुनीर ने कमांडर्स को ऑपरेशनल तैयारी, ट्रेनिंग, फिटनेस और नई तकनीक पर ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने युद्धक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार रहने का आदेश दिया। सेना अफगानिस्तान नीति पर उठ रहे सवालों का जवाब देने के बजाय धमकी दे रही है।


राजनीतिक टकराव बढ़ता

पाकिस्तान में सेना और राजनीतिक नेताओं के बीच पुराना टकराव फिर से उभर आया है। इमरान खान का कहना है कि मुनीर की नीतियों से संविधान कमजोर हुआ है, आतंकवाद बढ़ा है और अफगान शरणार्थियों के साथ बुरा बर्ताव हुआ है। मौलाना फजलुर रहमान भी अफगान नीति पर सवाल उठा रहे हैं। सेना की यह 'जीरो टॉलरेंस' नीति लोकतंत्र पर दबाव बढ़ाने वाली प्रतीत हो रही है।