×

पुतिन की दिल्ली यात्रा: सुरक्षा, कानूनी पहलू और अंतरराष्ट्रीय राजनीति

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दिल्ली यात्रा कई महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करती है, जिसमें सुरक्षा उपाय और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट शामिल हैं। भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और ICC की सदस्यता की स्थिति के कारण पुतिन की यात्रा कानूनी जोखिम के बिना संभव है। इस लेख में हम पुतिन की यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों, ICC के वारंट के कारणों और भारत की स्थिति पर चर्चा करेंगे।
 

पुतिन की दिल्ली यात्रा का महत्व

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा न केवल कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून के संदर्भ में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने 2023 में पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बावजूद, उनकी भारत यात्रा कई सवाल उठाती है, जिसका उत्तर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और ICC की सदस्यता से जुड़ी स्थिति में निहित है।


दिल्ली में पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था

दिल्ली में पुतिन की यात्रा पर सुरक्षा तैयारियां

पुतिन की दो दिवसीय यात्रा के लिए दिल्ली में बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यह यात्रा उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि ICC द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद उन्होंने सीमित अंतरराष्ट्रीय दौरे किए हैं। भारत ने सुरक्षा और प्रोटोकॉल को उच्चतम स्तर पर सुनिश्चित किया है।


ICC द्वारा वारंट जारी करने का कारण

ICC ने पुतिन पर वारंट क्यों जारी किया

मार्च 2023 में हेग स्थित ICC ने पुतिन पर यूक्रेन युद्ध के दौरान बच्चों के कथित अपहरण में शामिल होने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। ICC का मुख्य उद्देश्य युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार जैसे मामलों में जवाबदेही सुनिश्चित करना है।


भारत की ICC सदस्यता की स्थिति

भारत ICC का सदस्य क्यों नहीं है

भारत ICC का सदस्य नहीं है, इसलिए ICC के प्रतिबंध भारत में लागू नहीं होते। भारत ने रोम स्टैच्यूट पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जो ICC की स्थापना का आधार है। वाजपेयी सरकार के दौरान भारत ने इसके कुछ प्रावधानों पर गंभीर आपत्तियां जताई थीं, विशेषकर आतंकवाद को स्पष्ट अपराध न मानने और आंतरिक सुरक्षा मामलों में ICC के हस्तक्षेप की आशंका को लेकर। भारत का तर्क है कि यह उसकी संप्रभुता पर प्रभाव डाल सकता है।


पुतिन की गिरफ्तारी का कानूनी पहलू

इसलिए गिरफ्तार नहीं हो सकते पुतिन

चूंकि भारत रोम स्टैच्यूट का हिस्सा नहीं है, इसलिए वह ICC के आदेशों को लागू करने के लिए बाध्य नहीं है। पुतिन पर जारी गिरफ्तारी वारंट भी इसी श्रेणी में आता है। इस कारण उनकी भारत यात्रा कानूनी जोखिम के बिना संभव है।


ICC पर अमेरिका और अन्य देशों की भूमिका

अमेरिका और अन्य देशों की ICC पर अलग भूमिका

अमेरिका, चीन और रूस भी ICC के सदस्य नहीं हैं। अमेरिका ने ICC के पिछले अभियोजकों पर प्रतिबंध भी लगाए थे। हाल ही में इस अदालत ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर भी वारंट जारी किया है, जिस पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। यह स्पष्ट है कि ICC को लेकर वैश्विक राजनीति बेहद जटिल है।