पुतिन की रहस्यमयी 'घोस्ट ट्रेन': सुरक्षा का अनोखा तरीका
पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उन नेताओं में से एक हैं जिनकी सुरक्षा और निजी जीवन के बारे में कई रहस्य हैं। अक्सर यह सवाल उठता है कि वे सार्वजनिक रूप से कम क्यों दिखाई देते हैं और उनकी यात्राओं को इतनी गोपनीयता में क्यों रखा जाता है।
हाल ही में भारत के दौरे के दौरान, पुतिन की 'घोस्ट ट्रेन' के बारे में नई जानकारियाँ सामने आई हैं, जो उनकी सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण साधन मानी जाती है।
पुतिन की रहस्यमयी ट्रेन
इस विशेष ट्रेन को 'घोस्ट ट्रेन' कहा जाता है क्योंकि यह सामान्य ट्रेनों की तरह रेलवे नेटवर्क में दर्ज नहीं होती। इससे उनके ठिकाने का पता लगाना बहुत कठिन हो जाता है। रिपोर्टों के अनुसार, पुतिन पिछले कुछ वर्षों में घरेलू यात्रा के लिए विमान के बजाय इस ट्रेन का अधिक उपयोग कर रहे हैं।
क्यों कहा जाता है इसे 'घोस्ट ट्रेन'?
यह ट्रेन ट्रैकिंग से बचने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई है। जबकि विमान उड़ान भरते ही रडार पर आ जाते हैं, इस ट्रेन का कोई सार्वजनिक रिकॉर्ड नहीं होता। शौकिया ट्रेन स्पॉटर्स ने इसे दो लोकोमोटिव और एक सफेद गुंबद के आधार पर पहचानना सीख लिया है, जो उन्नत संचार एंटेना का संकेत है।
ट्रेन के अंदर की शाही दुनिया
लीक हुए दस्तावेजों के अनुसार, इस ट्रेन में 20 से अधिक डिब्बे हैं, जिनमें जिम, मसाज रूम, कॉस्मेटोलॉजी सेंटर, तुर्की स्टीम बाथ और अत्याधुनिक बाथरूम शामिल हैं। इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि पुतिन लंबे समय तक यात्रा करते समय भी पूरी सुविधा और गोपनीयता के साथ काम कर सकें।
सुरक्षा के कड़े घेरे में तैयार की गई ट्रेन
ट्रेन का हर हिस्सा रूसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (FSO) की निगरानी में बनाया और संचालित किया जाता है। कैरिज को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि किसी भी प्रकार के सुनने वाले उपकरण या जासूसी तकनीक का असर न हो सके। यह पूरी तरह से 'सुरक्षा का चलता-फिरता किला' है।
600 करोड़ की लागत वाली 'भूतिया ट्रेन'
रिपोर्टों के अनुसार, इस अत्यधिक सुरक्षित ट्रेन को बनाने में लगभग 74 मिलियन डॉलर यानी भारतीय मुद्रा में 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ट्रेन पुतिन की सुरक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, खासकर जब रूस अंतरराष्ट्रीय निगरानी के केंद्र में होता है।