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पुतिन ने ट्रंप को दी चेतावनी, भारत पर दबाव न डालने की अपील

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि भारत पर रूसी तेल खरीदने का दबाव न डाला जाए। उन्होंने कहा कि भारतीय कभी भी अपमान सहन नहीं करेंगे। पुतिन ने यह बयान सोची में दिए गए एक कार्यक्रम में दिया, जहां उन्होंने भारत और रूस के गहरे संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है, तो उसे आर्थिक नुकसान होगा। पुतिन ने वैश्विक ऊर्जा संकट की चेतावनी भी दी।
 

पुतिन की अमेरिका को चेतावनी


पुतिन की ट्रंप को चेतावनी: अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने और अन्य व्यापारिक संबंधों के लिए भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। इस पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को गुरुवार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारत पर रूसी तेल खरीदने का दबाव नहीं डालना चाहिए, क्योंकि भारतीय कभी भी अपमान सहन नहीं करेंगे।


पुतिन ने यह बयान गुरुवार को सोची में आयोजित वलदाई डिस्कशन ग्रुप में दिया। उन्होंने भारत और रूस के बीच के गहरे संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा, 'भारत और रूस के लोग इस गहरे रिश्ते को नहीं भूल सकते हैं।' उन्होंने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा, 'भारत जैसा देश अपने नेतृत्व के निर्णयों पर ध्यान देता है और अपमानजनक स्थिति स्वीकार नहीं करेगा।'


पुतिन ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी को जानता हूं। वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है, तो उसे 9 से 10 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हो सकता है। यह टिप्पणी उस समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोप, भारत और चीन से रूस के तेल खरीदने की अपील की है।


रूसी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी कि यदि रूस की ऊर्जा आपूर्ति में कमी आई, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा सकती हैं। इसके अलावा, उन्होंने भारत के साथ व्यापार और भुगतान संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए ब्रिक्स या अन्य चैनलों का उपयोग करने का सुझाव दिया।


यूक्रेन संघर्ष पर पुतिन ने कहा, 'सभी नाटो देश हमारे खिलाफ लड़ाई में शामिल हैं और अब इसे छिपाने की जरूरत नहीं है। यूरोप में एक केंद्र है जो यूक्रेनी सेना को हर प्रकार का समर्थन प्रदान करता है, जिसमें खुफिया जानकारी, हथियार और प्रशिक्षण शामिल हैं।' उन्होंने युद्ध के जारी रहने के लिए यूरोप को जिम्मेदार ठहराया और ब्रिक्स, अरब देशों, उत्तर कोरिया और बेलारूस के शांति प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।