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पुतिन ने यूक्रेन युद्ध समाप्ति के अमेरिकी प्रस्तावों को बताया अस्वीकार्य

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए अमेरिका द्वारा प्रस्तुत कुछ प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी समझौते पर पहुंचने में समय लगेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक प्रयास शुरू किया है, लेकिन यह प्रयास जटिल मांगों में उलझ गया है। पुतिन ने वार्ता के दौरान कुछ प्रावधानों पर चर्चा के लिए सहमति जताई, जबकि अन्य पर असहमति व्यक्त की। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा पुतिन ने।
 

यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने की अमेरिकी योजना पर पुतिन की प्रतिक्रिया

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में कहा कि यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए अमेरिका द्वारा प्रस्तुत कुछ प्रस्ताव उनके लिए स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को दिए गए अपने बयान में यह संकेत दिया कि किसी भी समझौते पर पहुंचने में अभी काफी समय लगेगा।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के द्वारा यूक्रेन पर किए गए बड़े हमले के चार साल बाद युद्धविराम के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक प्रयास शुरू किया है। हालांकि, यह प्रयास फिर से उन मांगों में उलझ गया है जिनका समाधान करना कठिन है, विशेष रूप से यह सवाल कि क्या यूक्रेन को अपनी भूमि रूस को सौंपनी होगी और भविष्य में मॉस्को की आक्रामकता से उसे कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।


अमेरिकी दूतों के साथ वार्ता

ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर जानकारी दी कि अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने बृहस्पतिवार को मियामी में यूक्रेन के प्रमुख वार्ताकार रुस्तेम उमेरोव से मुलाकात की। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन से युद्ध समाप्त करने के लिए अमेरिकी दूतों के साथ उनकी पांच घंटे की बातचीत 'आवश्यक' और 'उपयोगी' थी, लेकिन इसे 'कठिन कार्य' बताया, क्योंकि कुछ प्रस्ताव उनके लिए अस्वीकार्य थे।


पुतिन की नई दिल्ली यात्रा से पहले की बातचीत

पुतिन ने नई दिल्ली की यात्रा से पहले 'इंडिया टुडे' टीवी चैनल के साथ बातचीत की। रूसी समाचार एजेंसी 'तास' के अनुसार, उन्होंने कहा कि मंगलवार की वार्ता में दोनों पक्षों को अमेरिकी शांति प्रस्ताव के 'प्रत्येक बिंदु पर विचार करना पड़ा, इसी कारण इसमें इतना लंबा समय लगा।' पुतिन ने यह भी कहा कि यह बातचीत बहुत आवश्यक थी और इसमें ठोस चर्चा की गई।


उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कुछ प्रावधानों पर मॉस्को चर्चा के लिए तैयार था, जबकि अन्य पर 'हम सहमत नहीं हो सकते।' हालांकि, उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि रूस क्या स्वीकार या अस्वीकार कर सकता है।