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पेरिस के लूव्र म्यूजियम में 900 करोड़ रुपये की चोरी, सुरक्षा पर उठे सवाल

पेरिस के लूव्र म्यूजियम में हाल ही में हुई चोरी ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महज 7 मिनट में चोरों ने 900 करोड़ रुपये मूल्य के गहने चुराए। जांच में पता चला कि सुरक्षा कैमरों का पासवर्ड बेहद कमजोर था। इस घटना ने न केवल फ्रांस बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया है। जानें इस चोरी के पीछे की कहानी और सुरक्षा पर उठे सवाल।
 

पेरिस में लूव्र म्यूजियम की चोरी


पेरिस: फ्रांस की राजधानी पेरिस का प्रसिद्ध लूव्र म्यूजियम, जो अपनी ऐतिहासिक कलाकृतियों और मोना लिसा जैसी विश्वप्रसिद्ध पेंटिंग के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक चोरी की घटना के कारण चर्चा में है। महज 7 मिनट में लगभग 900 करोड़ रुपये मूल्य के गहने चुराए गए। इस घटना ने न केवल फ्रांस बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया है। जब जांच में यह पता चला कि संग्रहालय के सुरक्षा कैमरों का पासवर्ड केवल 'Louvre' था, तो सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता पर सवाल उठने लगे।


कमजोर पासवर्ड पर सवाल


फ्रांसीसी जांच एजेंसियों ने पुष्टि की है कि चोरी के समय म्यूजियम के वीडियो मॉनिटरिंग सिस्टम का पासवर्ड 'Louvre' था। यह एक बेहद साधारण पासवर्ड साबित हुआ, जिससे साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने चिंता जताई। विशेषज्ञों का मानना है कि इतने प्रतिष्ठित संस्थान के लिए ऐसा सरल पासवर्ड सुरक्षित नहीं कहा जा सकता।


चोरी की प्रक्रिया


अमेरिकी नेटवर्क ABC News के अनुसार, चोरी की पूरी प्रक्रिया केवल सात मिनट में पूरी हुई। चोरों ने म्यूजियम की ऊपरी मंजिल पर स्थित अपोलो गैलरी से नौ कीमती आभूषण चुराए। वे एक ट्रक से लगी सीढ़ी के माध्यम से खिड़की के जरिए अंदर घुसे और दो हाई-सिक्योरिटी डिस्प्ले बॉक्स के शीशे तोड़कर गहने लेकर भाग गए।


लूव्र के निदेशक ने फ्रांसीसी सीनेट के समक्ष कहा, “सुरक्षा प्रणाली ने अपना कार्य किया, लेकिन अब हमें यह देखना होगा कि इसे भविष्य में होने वाले नए प्रकार के हमलों के लिए कैसे मजबूत किया जाए।”


चार संदिग्धों की गिरफ्तारी


इस मामले में चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक महिला और तीन पुरुष शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सभी स्थानीय अपराधी हैं और इनका किसी संगठित अपराध गिरोह से सीधा संबंध नहीं है। पेरिस की अभियोजक लॉर बेक्कुओ ने बताया कि मुख्य संदिग्ध के खिलाफ पहले से 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 10 डकैती से संबंधित हैं। एक अन्य आरोपी पर 15 आपराधिक रिकॉर्ड हैं, जिनमें दो डकैती के मामले भी शामिल हैं। बेक्कुओ ने कहा, “यह चिंताजनक है कि अब बिना किसी बड़े गैंग से जुड़े अपराधी भी गंभीर अपराधों में शामिल हो रहे हैं।”


सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर चिंताएं


इस चोरी ने फ्रांस की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना साइबर-सुरक्षा और भौतिक सुरक्षा की संयुक्त विफलता का परिणाम है। अब जांच एजेंसियां यह समझने की कोशिश कर रही हैं कि चोरों ने इतनी सटीकता से सुरक्षा को कैसे भेदा और क्या उन्हें अंदर से कोई सहायता मिली थी।