पेरिस के लौवर म्यूज़ियम में दिनदहाड़े चोरी, चोरों ने महज़ सात मिनट में लूटे गहने
लौवर म्यूज़ियम में हुई चोरी की घटना
रविवार को पेरिस के प्रसिद्ध लौवर म्यूज़ियम में एक चौंकाने वाली चोरी ने पूरे फ्रांस को हिलाकर रख दिया। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, कुछ हथियारबंद चोरों ने अत्यंत कुशलता से केवल सात मिनट में संग्रहालय की ऐतिहासिक गैलरी से कीमती शाही गहने चुरा लिए। हैरानी की बात यह है कि भागते समय उन्होंने एक हीरे-मोती जड़ा ताज गिरा दिया, जो बाद में म्यूज़ियम के पास क्षतिग्रस्त अवस्था में मिला।
चोरों की योजना और भागने का तरीका
सूत्रों के अनुसार, चोर एक पावर-ऑपरेटेड फर्नीचर लिफ्ट का उपयोग करके गैलरी तक पहुंचे, जहां 19वीं सदी की महारानी यूजिनी का ताज रखा था। यह वही गैलरी है जिसे "Apollo’s Gallery" के नाम से जाना जाता है, जिसमें फ्रांस की ऐतिहासिक धरोहरें प्रदर्शित हैं। बताया गया है कि चोरी सुबह 9:30 से 9:40 के बीच हुई, जबकि संग्रहालय आम जनता के लिए 9 बजे खुला था।
चश्मदीदों की गवाही
चश्मदीदों के अनुसार, चोर स्कूटर पर आए और बिजली से चलने वाले औज़ारों का इस्तेमाल करके तेजी से खिड़की तोड़कर अंदर घुसे। कुछ ही मिनटों में वे गहने लेकर उसी स्कूटर पर फरार हो गए। इस घटना के दौरान म्यूज़ियम के बाहर खड़े लोग और पर्यटक भयभीत और चकित नजर आए। एक अमेरिकी पर्यटक ने इसे ‘हॉलीवुड मूवी’ जैसा दृश्य बताया।
पुलिस की जांच और सुरक्षा चिंताएं
यह घटना पेरिस पुलिस मुख्यालय से केवल 800 मीटर की दूरी पर हुई है। फ्रांस के आंतरिक मंत्री लॉरेंट नेज़ ने कहा कि प्रारंभिक जांच में तीन से चार लोगों की संलिप्तता का पता चला है। ये गहने इतने दुर्लभ और ऐतिहासिक हैं कि इन्हें मौजूदा स्वरूप में बेचना लगभग असंभव होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि चोर इन्हें तोड़कर रत्न और धातु के रूप में बेचने का प्रयास कर सकते हैं।
फ्रांस में म्यूज़ियम चोरी की बढ़ती घटनाएं
हाल के महीनों में फ्रांस के म्यूज़ियमों में चोरी की कई बड़ी घटनाएं सामने आई हैं। कुछ सप्ताह पहले नेचुरल हिस्ट्री म्यूज़ियम से 6 लाख यूरो मूल्य का सोना चोरी हुआ था और लिमोज़ शहर के संग्रहालय से कीमती कलाकृतियां चुराई गई थीं। हालांकि, लौवर म्यूज़ियम से चोरी की घटनाएं अत्यंत दुर्लभ मानी जाती हैं।
पुलिस की कार्रवाई
इस मामले की जांच बड़े पैमाने पर शुरू कर दी गई है और म्यूज़ियम को सबूतों की सुरक्षा के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना फ्रांस के सांस्कृतिक विरासत स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है, और आने वाले दिनों में बड़े बदलाव की संभावना है।