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प्रधानमंत्री मोदी का घाना दौरा: भारत-घाना संबंधों में नई शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना का ऐतिहासिक दौरा किया, जो भारत और घाना के बीच संबंधों में नई संभावनाएं लेकर आया है। इस यात्रा के दौरान, मोदी का स्वागत पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ किया गया, जिसमें स्थानीय बच्चों ने भजन गाए। यह दौरा आर्थिक, रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। मोदी की अगली यात्रा त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की होगी, जिसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को मजबूत करना है।
 

प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में एक बहु-राष्ट्रीय यात्रा पर हैं, जिसमें उन्होंने अफ्रीकी देश घाना का महत्वपूर्ण दौरा किया है। बुधवार को जब वह घाना की राजधानी अक्रा पहुंचे, तो उनका स्वागत पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ किया गया। इस यात्रा के साथ मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं जिन्होंने पिछले तीन दशकों में घाना की द्विपक्षीय यात्रा की है। यह दौरा भारत और घाना के संबंधों में एक नई दिशा लाने की उम्मीद जगाता है।


सांस्कृतिक स्वागत और सम्मान

अक्रा में पीएम मोदी का आगमन एक विशेष क्षण बन गया, जब स्थानीय स्कूली बच्चों ने उनका स्वागत "हरे रामा हरे कृष्णा" के भजन से किया। यह भावुक क्षण न केवल मोदी को छू गया, बल्कि यह भारत और घाना के बीच सांस्कृतिक संबंधों की गहराई को भी दर्शाता है। कोटोक इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और पारंपरिक नृत्य और संगीत के साथ उनका स्वागत किया गया। बाद में, होटल में उनके सम्मान में एक संक्षिप्त सांगीतिक प्रस्तुति भी आयोजित की गई, जिसे प्रधानमंत्री ने मुस्कान के साथ देखा।


नई साझेदारियों की संभावनाएं

यह यात्रा भारत और घाना के बीच आर्थिक, रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। पीएम मोदी ने यात्रा से पहले एक बयान में कहा कि यह दौरा ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करेगा और नई साझेदारियों के लिए दरवाजे खोलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि घाना की संसद को संबोधित करना उनके लिए गर्व की बात है। भारत सरकार के अनुसार, पीएम मोदी राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा से मुलाकात करेंगे और आपसी हितों पर चर्चा करेंगे।


वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका

घाना दौरे के बाद, पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो (3-4 जुलाई), अर्जेंटीना (4-5 जुलाई), ब्राजील (BRICS सम्मेलन के लिए) और नामीबिया की यात्रा करेंगे। इस बहु-देशीय दौरे का उद्देश्य न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है, बल्कि वैश्विक दक्षिण में भारत की भूमिका को भी सशक्त बनाना है। विशेष रूप से BRICS शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी, वैश्विक कूटनीतिक संतुलन में उसकी सक्रिय भूमिका को दर्शाती है।