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फ्रांस की रिपोर्ट ने राफेल की ताकत को उजागर किया, चीन, तुर्की और पाकिस्तान को दी चुनौती

फ्रांस की एक नई रिपोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमानों की अद्वितीय क्षमताओं को उजागर किया है, जिससे चीन, तुर्की और पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ गई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की युद्ध कौशल का मुकाबला कोई अन्य देश नहीं कर सकता। इसके अलावा, भारत ने फ्रांस से 114 राफेल विमानों की खरीद में रुचि दिखाई है, जिससे देश की रक्षा क्षमताओं में वृद्धि होगी। जानें इस रिपोर्ट में और क्या कहा गया है।
 

फ्रांस की रिपोर्ट से उड़ी चीन, तुर्की और पाकिस्तान की नींद

हाल ही में एक रिपोर्ट ने दुनिया के तीन प्रमुख देशों, चीन, तुर्की और पाकिस्तान की चिंताओं को बढ़ा दिया है। भारत के करीबी सहयोगी फ्रांस ने एक ऐसा बयान जारी किया है, जिसने यह स्पष्ट कर दिया है कि राफेल लड़ाकू विमानों की क्षमता को कम आंकना अब किसी भी देश के लिए संभव नहीं है। फ्रांस की डिफेंस रिसर्च एजेंसी एफआरएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत की युद्ध कौशल का मुकाबला चीन, तुर्की या पाकिस्तान नहीं कर सकते।


रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लड़ाकू विमानों की ताकत केवल उनकी पीढ़ी से नहीं, बल्कि उनकी एयर सिक्योरिटी और युद्ध में दक्षता से निर्धारित होती है। चीन अपने फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट J20 का दावा कर रहा है, जबकि पाकिस्तान मेड इन चाइना फाइटर जेट को फिफ्थ जनरेशन बताकर अपनी क्षमता को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। तुर्की भी अपने फाइटर जेट को लेकर आसमान में ऊँचाई पर है।


फ्रांस ने राफेल की विशेषताओं को उजागर किया

फ्रांस ने स्पष्ट किया है कि जनरेशन केवल एक टैग है, जो वास्तविक क्षमता को नहीं दर्शाता। रिपोर्ट में राफेल की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि यह 4.5 जनरेशन का फाइटर जेट है, लेकिन इसकी कॉम्बैक्ट रिकॉर्ड और एयर सिक्योरिटी इसे किसी भी फिफ्थ जनरेशन जेट के समकक्ष लाती है। राफेल ने कई बार अमेरिकी F22 और F35 जैसे विमानों के सामने अपनी क्षमता साबित की है।


फ्रांस की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राफेल के खिलाफ चल रहे झूठे प्रचार में चीन, तुर्की, पाकिस्तान और अमेरिका शामिल हैं। यह प्रचार राफेल के एक छोटे से नुकसान को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का प्रयास है, जिससे यह दिखाया जा सके कि राफेल बेकार है। यह एक सुनियोजित मीडिया कैंपेन है, जिसका उद्देश्य फ्रांस की रक्षा तकनीक पर संदेह पैदा करना है।


भारत की राफेल खरीदने की योजना

भारत ने अपनी वायु सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए फ्रांस से 114 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद में रुचि दिखाई है। इसी बीच, फ्रांसीसी राजदूत थियरी मथौ ने भारत में इन विमानों के निर्माण की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि फ्रांस पहले ही लड़ाकू विमानों के लिए दो सौदे कर चुका है और एक नया सौदा करने के लिए तैयार है।


उन्होंने यह भी बताया कि भारत के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना महत्वपूर्ण है। यदि यह सौदा होता है, तो भारत के पास कुल 176 राफेल होंगे, जिसमें पहले से शामिल 36 विमान और भारतीय नौसेना द्वारा ऑर्डर किए गए 26 विमान शामिल होंगे।