×

बांग्लादेश में छात्र नेता की हत्या से बढ़ा राजनीतिक तनाव

बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। उनके भाई उमर हादी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह हत्या आगामी चुनाव को प्रभावित करने के लिए की गई। हादी की हत्या के बाद देशभर में प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं। उमर हादी ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि न्याय नहीं मिला, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इस स्थिति ने बांग्लादेश में राजनीतिक संकट को और गहरा कर दिया है।
 

बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल


नई दिल्ली: बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल मच गई है। हादी के भाई उमर हादी ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।


हत्या का विवरण

उमर हादी का कहना है कि सत्ता में बैठे लोगों ने आगामी राष्ट्रीय चुनाव को प्रभावित करने के लिए इस हत्या की योजना बनाई। उनके इस बयान ने देश में पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा दिया है।


मस्जिद से बाहर निकलते समय हुआ हमला


शरीफ उस्मान हादी इस महीने की शुरुआत में ढाका में एक मस्जिद से बाहर निकलते समय गोलीबारी का शिकार हुए। गंभीर रूप से घायल हादी को सिंगापुर में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां उनकी कुछ दिन बाद मृत्यु हो गई। 32 वर्षीय हादी 'इंकिलाब मंच' के संयोजक थे और 2024 के छात्र आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक माने जाते थे।


सरकार पर आरोप

भाई का सीधा आरोप


उमर हादी ने ढाका के शाहबाग में 'शहीदी शपथ' कार्यक्रम के दौरान सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, 'आप ही ने उस्मान हादी की हत्या करवाई और अब इसी मुद्दे का उपयोग कर चुनाव को प्रभावित करना चाहते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के भीतर एक धड़ा इस हत्या के पीछे है।


चुनाव में बाधा डालने का आरोप

चुनाव बिगाड़ने की साजिश का दावा


उमर हादी ने आरोप लगाया कि उनके भाई की हत्या का उद्देश्य 12 फरवरी को होने वाले आम चुनाव के माहौल को खराब करना था। शरीफ उस्मान हादी खुद भी इस चुनाव में उम्मीदवार थे। उनके अनुसार, सरकार अब तक हत्यारों को पकड़ने में कोई ठोस प्रगति नहीं कर पाई है, जिससे संदेह और बढ़ता जा रहा है।


सरकार को चेतावनी

यूनुस सरकार को चेतावनी


उमर हादी ने अंतरिम सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो उसे भी शेख हसीना जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, 'अगर उस्मान हादी के हत्यारों को सजा नहीं मिली, तो एक दिन आपको भी बांग्लादेश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा।' यह बयान सरकार के अस्तित्व पर सवाल उठाता है।


हिंसा और आक्रोश का माहौल

देश में फैला आक्रोश और हिंसा


हादी की मौत की खबर 18 दिसंबर को सामने आते ही बांग्लादेश के कई हिस्सों में प्रदर्शन शुरू हो गए। गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ की और कुछ मीडिया संस्थानों के दफ्तरों में आग लगा दी। इसी दौरान ढाका-मयमनसिंह हाईवे पर एक हिंदू कर्मचारी, दीपु चंद्र दास, की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और शव को आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा ने हालात को और भयावह बना दिया।


हादी की विरासत

हादी की भूमिका और विरासत


शरीफ उस्मान हादी उन प्रमुख आवाजों में से थे जिन्होंने 2024 के छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया। इसी आंदोलन के दबाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को अगस्त 2024 में इस्तीफा देकर भारत भागना पड़ा था। हादी के भाई का कहना है कि वह किसी एजेंसी या 'विदेशी आकाओं' के आगे झुकने वाले नहीं थे, इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया गया।