बांग्लादेश में छात्र नेता की हत्या से राजनीतिक हलचल तेज
शरीफ उस्मान हादी की हत्या पर उठे सवाल
बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। हादी के भाई ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद युनुस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह हत्या सरकार की एक साजिश का हिस्सा थी। उनका दावा है कि आगामी चुनावों को टालने और राजनीतिक दबाव बनाने के लिए हादी को निशाना बनाया गया।
हादी के भाई ने कहा कि बांग्लादेश में अगले दो महीनों में चुनाव होने वाले हैं और सरकार पर निष्पक्ष चुनाव कराने का दबाव बढ़ रहा था। हादी की बढ़ती लोकप्रियता, जो छात्रों और युवाओं की आवाज बन चुके थे, सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई थी। उन्होंने कहा, “मेरे भाई की हत्या का उद्देश्य डर का माहौल बनाना और चुनाव प्रक्रिया को बाधित करना था।”
छात्र संगठनों का आक्रोश
इस घटना के बाद छात्र संगठनों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। कई छात्र नेताओं ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अनिश्चितकालीन धरना और देशव्यापी प्रदर्शन शुरू करेंगे। कुछ संगठनों ने गृह सलाहकार के इस्तीफे की भी मांग की है।
सरकार का जवाब
वहीं, सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। सरकारी प्रवक्ताओं का कहना है कि हत्या की निष्पक्ष जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने बताया कि मामले में कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस गिरफ्तारी नहीं हुई है।
राजनीतिक प्रभाव
हादी की हत्या ने बांग्लादेश की राजनीति को और अधिक गर्म कर दिया है। विपक्ष इसे लोकतंत्र पर हमला मान रहा है, जबकि सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने का दावा कर रही है। आने वाले दिनों में यह मामला चुनावी माहौल और भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी प्रभाव डाल सकता है।