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बांग्लादेश में तनाव के बीच तारिक रहमान की वापसी और एकता का आह्वान

बांग्लादेश में छात्र नेता की हत्या के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान ने 17 साल बाद देश में वापसी की है और उन्होंने बांग्लादेश के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया है। रहमान ने एक सुरक्षित बांग्लादेश बनाने की योजना का उल्लेख किया और सभी समुदायों से एकजुट होने की अपील की। उनकी वापसी के समय बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती चिंताओं के बीच हुई है। जानें रहमान के भाषण और बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति के बारे में।
 

बांग्लादेश में तनाव और रहमान की वापसी


नई दिल्ली: बांग्लादेश में छात्र नेता की हत्या के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। एक हिंदू व्यक्ति की लिंचिंग ने भारत में भी तनाव को बढ़ा दिया है। इसी बीच, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के निर्वासित बेटे तारिक रहमान ने देश में वापसी की और एकता का संदेश दिया। रहमान पिछले 17 वर्षों से निर्वासन में थे।


उन्हें फरवरी 2026 में होने वाले आगामी संसदीय चुनावों में एक प्रमुख उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। रहमान ने अपने पहले भाषण में बांग्लादेश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया और कहा कि उनके पास देश के लिए एक ठोस योजना है।


रहमान का सुरक्षित बांग्लादेश का सपना

सुरक्षित बांग्लादेश बनाना चाहते हैं- रहमान 


रहमान ने अपने भाषण में कहा, "मेरे देश के लिए मेरे पास एक योजना है। लोग लंबे समय से एक सुरक्षित राज्य की उम्मीद कर रहे हैं।" उन्होंने एकता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "यह देश पहाड़ों और मैदानों के लोगों, मुसलमानों, हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों का है। हम एक सुरक्षित बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जहां हर महिला, पुरुष और बच्चा सुरक्षित रूप से घर लौट सके।"


उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका प्राथमिक लक्ष्य देश में शांति और स्थिरता को बहाल करना है। रहमान ने कहा कि बांग्लादेश में शांति और गरिमा बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर काम करने का आग्रह किया।


बांग्लादेश में बढ़ता तनाव

बांग्लादेश में बढ़ा तनाव:


रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश में तनाव चरम पर है। विशेष रूप से मैमनसिंह में हिंदू व्यक्ति दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद भारत में गुस्सा बढ़ गया है। दीपू को ईशनिंदा के आरोपों पर पीट-पीटकर मार डाला गया, जिससे बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति चिंता बढ़ गई है।


रहमान ने एकजुटता के साथ कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी से सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "हम किसी भी राजनीतिक पार्टी के हों, किसी भी धर्म को मानते हों, हमें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एकजुट होना चाहिए।"