×

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट: शेख हसीना के खिलाफ बड़ा फैसला और देशव्यापी बंद

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहरा गया है, जहां अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण का फैसला आने वाला है। इस बीच, उनकी पार्टी आवामी लीग ने देशभर में 'पूर्ण बंद' का आह्वान किया है। ढाका में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और हिंसा करने वालों पर गोली चलाने की अनुमति दी गई है। हसीना ने कार्यकर्ताओं से आंदोलन जारी रखने की अपील की है। क्या यह संकट बांग्लादेश के भविष्य को प्रभावित करेगा? जानें पूरी कहानी में।
 

बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल


नई दिल्ली: बांग्लादेश इस समय गंभीर राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) का महत्वपूर्ण फैसला आने वाला है। इस फैसले से एक दिन पहले, हसीना की पार्टी, आवामी लीग ने देशभर में 'पूर्ण बंद' का आह्वान किया है। यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने पहले ही पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके चलते पूरे देश में हाई अलर्ट जारी किया गया है।


हसीना का अपील भरा संदेश

फैसले से पहले, शेख हसीना ने एक भावुक ऑडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सड़कों पर आंदोलन जारी रखने और उसे तेज करने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोगों को पीछे नहीं हटना चाहिए। इसी दौरान, रविवार रात ढाका के विभिन्न क्षेत्रों में देसी बम धमाके हुए।


अंतरिम सरकार की सलाहकार सैयदा रिजवाना हसन के घर के बाहर रात लगभग 9 बजे दो बम फटे, जबकि कारवां बाजार क्षेत्र में एक और विस्फोट की सूचना मिली। हालांकि, किसी के घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन राजधानी का माहौल तनावपूर्ण हो गया है।


हिंसा पर कड़ी कार्रवाई

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस आयुक्त शेख मोहम्मद सज्जाद अली ने सुरक्षा बलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी हिंसा करेगा, पुलिस पर हमला करेगा या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा, उसे देखते ही गोली मारी जाए। ICT के फैसले से पहले, ढाका में सुरक्षा को बेहद कड़ा किया गया है। बड़े पैमाने पर बल तैनात किए गए हैं और कई संवेदनशील क्षेत्रों की नाकेबंदी कर दी गई है।


महत्वपूर्ण फैसला आज

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण आज उस मामले में फैसला सुनाएगा जिसमें, अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामुन पर जुलाई-अगस्त 2024 के छात्र आंदोलनों के दौरान हुए कथित अत्याचारों और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप हैं। इस मामले की सुनवाई 23 अक्टूबर को पूरी हुई थी।


ढाका में सन्नाटा

रविवार को आमतौर पर व्यस्त रहने वाली ढाका की सड़कें लगभग खाली थीं। दुकानें देर से खुलीं और लोगों ने सुरक्षा चिंताओं के कारण घरों में रहना ही बेहतर समझा। इस बीच, आवामी लीग ने दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा कर दी, जिसने चिंता को और बढ़ा दिया।


चूंकि अंतरिम सरकार ने पार्टी की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है, इसलिए आवामी लीग के नेता गुप्त स्थानों से सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश जारी कर रहे हैं।


छात्र आंदोलन से जुड़ा मामला

शेख हसीना के खिलाफ यह मामला पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुए भीषण छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों से संबंधित है, जिसने पूरे बांग्लादेश को हिला दिया था। हसीना ने अपने ऊपर लगाए गए मानवता के खिलाफ अपराधों के सभी आरोपों को खारिज किया है और इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है।