बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा: भारतीय उच्चायोग पर हमला
बांग्लादेश में बढ़ती राजनीतिक हिंसा
नई दिल्ली: बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक अशांति के बीच भारत के लिए चिंताजनक घटनाक्रम सामने आया है। आज, 19 दिसंबर को, चट्टोग्राम में भारतीय सहायक उच्चायोग पर उग्रवादियों ने हमला किया। हमलावरों ने दूतावास परिसर की ओर पत्थर फेंके और सुरक्षा बलों के साथ झड़प की। यह हमला उस समय हुआ जब बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है।
स्थानीय समाचारों के अनुसार, यह हमला सुबह के समय हुआ। सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन इस घटना ने कूटनीतिक दृष्टिकोण से गंभीर प्रश्न उठाए हैं। भारतीय मिशन को निशाना बनाना बांग्लादेश में बढ़ती अशांति का संकेत माना जा रहा है।
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उस्मान बिन हादी की मौत का कारण
कैसे हुई उस्मान बिन हादी की मौत?
छात्र नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में व्यापक विरोध और हिंसा की लहर चल रही है। हादी पिछले वर्ष लोकतंत्र समर्थक छात्र आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे। चुनाव प्रचार के दौरान उन पर जानलेवा हमला हुआ, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना ने पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और बढ़ा दिया है।
बांग्लादेश में स्थिति
कैसी है वहां की स्थिति?
प्रदर्शनकारियों ने ढाका और अन्य शहरों में पुलिस के साथ झड़पें की हैं। कई स्थानों पर प्रमुख समाचार पत्रों के कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया गया, जिनमें प्रोथोम आलो और द डेली स्टार जैसे बड़े मीडिया संस्थान शामिल हैं। इसके साथ ही भारत विरोधी नारेबाजी भी तेज हो गई है और भारतीय अधिकारियों से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है।
सरकार ने स्थिति को देखते हुए देशभर में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया है। एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है और जनता से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। फिर भी, फरवरी 2026 में प्रस्तावित चुनावों से पहले तनाव कम होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
हमलों की जानकारी
कहां-कहां हुए हमले?
प्रदर्शनकारियों ने अपदस्थ अवामी लीग पार्टी के नेताओं के कार्यालयों और निवासों पर भी हमले किए हैं। चट्टोग्राम और राजशाही जैसे शहरों में प्रमुख सड़कों को जाम कर दिया गया है। हाल के दिनों में भारत में रह रहीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की वापसी की मांग को लेकर भी कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद ढाका ने कुछ मिशनों में वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दीं।
चट्टोग्राम में भारतीय सहायक उच्चायोग पर हमला भारत और बांग्लादेश के संबंधों के लिए एक गंभीर कूटनीतिक चुनौती माना जा रहा है। बढ़ती हिंसा ने पूरे क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चिंता बढ़ा दी है।