बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा: जानें क्या हुआ?
शरीफ उस्मान हादी का निधन
नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ जनआंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शरीफ उस्मान हादी का गुरुवार को सिंगापुर में निधन हो गया। वह इंकलाब मंच के संयोजक थे और हाल के समय में बांग्लादेश की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा बनकर उभरे थे। उनकी मृत्यु की खबर फैलते ही देश के कई हिस्सों में तनाव उत्पन्न हो गया और देर रात तक विरोध प्रदर्शन जारी रहे।
ढाका में प्रदर्शन और हिंसा
हादी की मौत की सूचना मिलते ही गुरुवार रात ढाका में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए। गुस्साई भीड़ ने करवान बाजार क्षेत्र में प्रमुख बांग्ला अखबार 'प्रथम आलो' और अंग्रेजी दैनिक 'डेली स्टार' के दफ्तरों पर हमला किया। प्रदर्शनकारियों ने इमारतों में तोड़फोड़ की और फर्नीचर तथा दस्तावेजों को बाहर निकालकर आग के हवाले कर दिया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, हमले के समय कई पत्रकार और कर्मचारी इमारतों के भीतर फंसे हुए थे। इसके अलावा, राजशाही में अवामी लीग के एक कार्यालय को भी आग लगा दी गई।
शाहबाग से चटगांव तक फैलते प्रदर्शन
हिंसा की शुरुआत ढाका के शाहबाग चौराहे से हुई, जहां हजारों लोग इकट्ठा हुए और सड़क को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने हादी की सुरक्षा में विफल रहने के लिए सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। जैसे-जैसे हालात बिगड़ते गए, प्रदर्शन चटगांव तक फैल गए, जहां भारतीय उच्चायोग के कार्यालय के बाहर भीड़ इकट्ठा हुई और पत्थरबाजी की गई। इस दौरान भारत-विरोधी और अवामी लीग विरोधी नारे भी लगाए गए।
हादी पर हमले का विवरण
यह ध्यान देने योग्य है कि 12 दिसंबर को ढाका के बिजॉयनगर क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान अज्ञात हमलावरों ने शरीफ उस्मान हादी के सिर में गोली मार दी थी। गंभीर रूप से घायल हादी को पहले ढाका के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी हालत नाजुक होने पर 15 दिसंबर को एयर एम्बुलेंस के जरिए सिंगापुर भेजा गया। सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी मौत की पुष्टि बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय और सिंगापुर के अधिकारियों ने की।
अंतरिम सरकार की प्रतिक्रिया
हादी की मृत्यु के बाद, अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने ढाका में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और देश को संबोधित किया। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और कानून को अपने हाथ में न लेने की अपील की। यूनुस ने हादी को जुलाई विद्रोह का निडर योद्धा बताते हुए कहा कि उनकी आवाज को दबाने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की, मस्जिदों में विशेष दुआओं का ऐलान किया और हादी के परिवार की जिम्मेदारी लेने का वादा किया।
शरीफ उस्मान हादी का परिचय
शरीफ उस्मान हादी एक छात्र नेता और सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता थे। वे इंकलाब मंच के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और 2024 के जुलाई-अगस्त विद्रोह में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिसके बाद शेख हसीना की सरकार सत्ता से बाहर हुई। हादी अवामी लीग पर संवैधानिक प्रतिबंध की मांग और भारत-समर्थक राजनीति के खिलाफ जाने के लिए जाने जाते थे। हाल ही में सोशल मीडिया पर 'ग्रेटर बांग्लादेश' का नक्शा साझा करने के कारण भी वे विवादों में रहे थे। आगामी चुनाव में वे ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में थे, लेकिन उनकी हत्या ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।