×

बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़के विरोध: इंकलाब मंच ने किया नाकाबंदी का ऐलान

बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे हैं। इंकलाब मंच ने नाकाबंदी का ऐलान किया है और कहा है कि जब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। ढाका के शाहबाग चौराहे पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है और सरकार को चेतावनी दी है कि वे और भी आक्रामक हो सकते हैं। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है और हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में क्या स्थिति है।
 

बांग्लादेश में सियासी तनाव बढ़ा


नई दिल्ली: बांग्लादेश में चर्चित छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल मच गई है। हादी के लिए न्याय की मांग को लेकर इंकलाब मंच ने ढाका सहित विभिन्न संभागीय शहरों में व्यापक नाकाबंदी का ऐलान किया है। संगठन ने स्पष्ट किया है कि जब तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।


विरोध प्रदर्शन का विस्तार

स्थानीय समाचार रिपोर्टों के अनुसार, विरोध प्रदर्शन अब केवल ढाका तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि सिलहट, चटोग्राम, कुश्तिया जैसे कई शहरों में भी फैल चुके हैं। इंकलाब मंच ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन और भी उग्र हो सकता है।


पूर्ण नाकाबंदी का ऐलान

बांग्लादेश के समाचार पत्र द डेली स्टार के अनुसार, इंकलाब मंच ने फेसबुक पर घोषणा की है कि रविवार सुबह 11:00 बजे से सभी संभागीय शहरों में पूर्ण नाकाबंदी की जाएगी। प्रोथोम आलो की रिपोर्ट में बताया गया है कि यह घोषणा राजधानी के शाहबाग चौराहे से की गई, जहां संगठन ने शुक्रवार से धरना दिया है।


शनिवार को इंकलाब मंच के कार्यकर्ताओं ने ढाका, सिलहट, चटोग्राम और कुश्तिया में सड़कों को जाम कर दिया और हादी के लिए न्याय की मांग की।


शाहबाग पर प्रदर्शन की स्थिति

ढाका में जुम्मे की नमाज़ के बाद प्रदर्शनकारियों ने शाहबाग चौराहे पर कब्जा कर लिया और रातभर वहीं डटे रहे। डेली स्टार के अनुसार, दोपहर में प्रदर्शनकारी कुछ समय के लिए अज़ीज़ सुपरमार्केट के सामने हटे, ताकि बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ढाका विश्वविद्यालय क्षेत्र में हादी की कब्र पर जा सकें। करीब 12:40 बजे प्रदर्शनकारी फिर से शाहबाग लौट आए, जिसके बाद वहां वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रुक गई।


आंदोलन को तेज करने की चेतावनी

शाहबाग में सभा को संबोधित करते हुए इंकलाब मंच के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने सरकार को कड़ी चेतावनी दी। द डेली स्टार के अनुसार, उन्होंने कहा, "आज हम शाहबाग में हैं; कल हम जमुना (मुख्य सलाहकार का आवास), संसद या यहां तक कि छावनी पर भी कब्जा कर सकते हैं।"


उन्होंने सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा, "लोग सड़कों पर ठंड से कांप रहे थे, जबकि सलाहकार अपने घरों में सो रहे थे।"


जाबेर ने यह भी दावा किया, "12 दिसंबर को, हादी की नमाज़-ए-जनाज़ा के दिन, अगर हम चाहते तो सरकार को गिरा सकते थे। आपकी जमुना या छावनी आपको नहीं बचा सकती थी।"


विरोध प्रदर्शन में महिलाओं और बच्चों की भागीदारी

शनिवार को हुए विरोध प्रदर्शन में विभिन्न सांस्कृतिक और व्यावसायिक पृष्ठभूमि के लोग शामिल हुए। महिलाओं और बच्चों की भी उपस्थिति देखी गई। इस दौरान कविताएं पढ़ी गईं, कुरान की आयतों का पाठ हुआ और न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए गए।


शरीफ उस्मान हादी का परिचय

प्रोथोम आलो के अनुसार, शरीफ उस्मान हादी को जुलाई जन आंदोलन का प्रमुख चेहरा माना जाता था। उन्होंने पिछले साल अगस्त में इंकलाब मंच की स्थापना की थी और आगामी संसदीय चुनाव में ढाका-8 सीट से संभावित उम्मीदवार थे। 12 दिसंबर को शुक्रवार की नमाज़ के बाद, ढाका के पुराने पलटन इलाके में उन्हें गोली मार दी गई। इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। बाद में उन्हें ढाका विश्वविद्यालय की केंद्रीय मस्जिद के पास दफनाया गया।


हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में अशांति

हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भड़क उठे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, ढाका में द डेली स्टार और प्रोथोम आलो के दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आईं। इंकलाब मंच ने स्पष्ट किया है कि जब तक "शहीद शरीफ उस्मान बिन हादी" की हत्या में शामिल लोगों की गिरफ्तारी नहीं होती, वे सड़कों से नहीं हटेंगे।