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ब्रिटेन और पाकिस्तान के बीच विवादास्पद प्रत्यर्पण प्रस्ताव: क्या है असली कहानी?

ब्रिटेन और पाकिस्तान के बीच एक विवादास्पद 'क्विड प्रो क्वो' प्रस्ताव ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। पाकिस्तान ने ब्रिटेन को यह प्रस्ताव दिया है कि वह पाकिस्तानी मूल के दोषी सेक्स अपराधियों को वापस लेगा, लेकिन इसके बदले में दो प्रमुख राजनीतिक असंतुष्टों के प्रत्यर्पण की मांग की है। इस प्रस्ताव के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभावों पर चर्चा की गई है। जानें इस मुद्दे की गहराई में क्या है।
 

ब्रिटेन-पाकिस्तान के बीच नया विवाद


नई दिल्ली: ब्रिटेन और पाकिस्तान के बीच एक विवादास्पद 'क्विड प्रो क्वो' प्रस्ताव ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान ने ब्रिटेन को यह प्रस्ताव दिया है कि वह उन पाकिस्तानी मूल के दोषी सेक्स अपराधियों को वापस लेगा, जिन्हें यूके लंबे समय से देश से बाहर भेजना चाहता है। इसके बदले में, लंदन से दो प्रमुख राजनीतिक असंतुष्टों के प्रत्यर्पण की मांग की गई है।


पाकिस्तान का प्रस्ताव

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने ब्रिटेन को यह प्रस्ताव दिया है कि वह कारी अब्दुल रऊफ और आदिल खान जैसे रोचडेल ग्रूमिंग गैंग के दोषियों को वापस स्वीकार करेगा। लेकिन इसके बदले में, यूके से शाहजाद अकबर और आदिल राजा को सौंपने की मांग की गई है। ये दोनों पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी हैं और वर्तमान सरकार के आलोचक हैं, जो अप्रैल 2022 से ब्रिटेन में निर्वासन में रह रहे हैं।


ब्रिटेन का सेक्स स्कैंडल

यूके के ग्रूमिंग गैंगों में अधिकांश पाकिस्तानी मूल के पुरुष शामिल थे, जो मुख्य रूप से कम उम्र की श्वेत लड़कियों को निशाना बनाते थे। लड़कियों को धमकाया और प्रताड़ित किया जाता था, और कई बार उन्हें विभिन्न पुरुषों के बीच बांटा जाता था। एक मामले में, एक लड़की का एक ही रात में 30-40 पुरुषों द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया था, जो एक चौंकाने वाली घटना थी।


पाकिस्तान में विवादास्पद प्रस्ताव

4 दिसंबर को इस्लामाबाद में हुई बैठक में, पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी और ब्रिटिश हाई कमिश्नर जेन मैरियट के बीच सुरक्षा सहयोग और फर्जी खबरों पर कार्रवाई जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। लेकिन मीडिया के अनुसार, इसी मीटिंग में पाकिस्तान ने ग्रूमिंग गैंग के दोषियों के प्रत्यर्पण को यूके में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानियों की श्रेणी में रखकर उनकी वापसी की बात उठाई।


राजनीतिक असंतुष्टों पर पाकिस्तान की स्थिति

नकवी ने इस दौरान यह भी कहा कि पाकिस्तान विदेश में मीटिंग करने वाले लोगों को बर्दाश्त नहीं कर सकता, जो राज्य संस्थाओं को बदनाम करते हैं। यह स्पष्ट रूप से अकबर और राजा की ओर इशारा था। अकबर ने X पर लिखा कि उनकी रिपोर्टों और राजनीतिक टिप्पणियों ने मौजूदा शासन को नाराज कर दिया है।


मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया

इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स फाउंडेशन ने इस प्रस्ताव को अंतरराष्ट्रीय दमन का एक उदाहरण बताया है। फाउंडेशन ने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से असंतुष्टों पर कार्रवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय तंत्र का दुरुपयोग कर रहा है।


ग्रूमिंग गैंग का इतिहास

1990 के दशक से यूके के रॉदरहैम, रोचडेल, ओल्धम और टेल्फोर्ड जैसे शहरों में पाकिस्तानी मूल के गिरोहों द्वारा किशोर लड़कियों का शोषण होने की घटनाएं सामने आती रही हैं। कई हाई-प्रोफाइल मामलों में लड़कियों की हत्या, गैंगरेप और मानव तस्करी के प्रमाण मिले हैं।


कानूनी पेच

ब्रिटेन और पाकिस्तान के बीच औपचारिक प्रत्यर्पण संधि नहीं है, लेकिन यूके Extradition Act 2003 की धारा 194 के तहत विशेष व्यवस्था की जा सकती है। यदि यह सौदा हुआ, तो यह न केवल राजनीति बल्कि मानवाधिकारों पर भी बड़े सवाल खड़े करेगा।