भारत-अमेरिका संबंधों में नई उम्मीद: राजदूत सर्जियो गोर की मोदी से मुलाकात
भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक संवाद
भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद के बीच, एक महत्वपूर्ण राजनयिक बयान सामने आया है। अमेरिका के भारत में नियुक्त राजदूत सर्जियो गोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, मोदी को अपना "विशेष मित्र" मानते हैं। गोर, ट्रंप के करीबी सहयोगियों में से एक हैं, इसलिए उनकी यह टिप्पणी दोनों देशों के संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है। गोर वर्तमान में प्रबंधन और संसाधन उप सचिव माइकल जे. रिगास के साथ छह दिवसीय भारत यात्रा पर हैं, जिसमें वे वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं।
मोदी और गोर की मुलाकात का महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुलाकात पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि सर्जियो गोर का कार्यकाल भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि राजदूत गोर का स्वागत करना उनके लिए खुशी की बात है। गोर ने इस मुलाकात को "अविश्वसनीय" बताया और कहा कि उन्होंने और मोदी ने रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा
गोर ने अपनी बातचीत के दौरान बताया कि भारत और अमेरिका ने महत्वपूर्ण खनिजों के महत्व पर विचार साझा किए। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच रक्षा, तकनीक और व्यापार पर गहन चर्चा हुई। गोर ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानता है।
उच्चस्तरीय भारतीय अधिकारियों से संवाद
भारत दौरे के दौरान, गोर ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव विनय क्वात्रा से भी मुलाकात की। उन्होंने बताया कि इन चर्चाओं ने दोनों देशों की साझेदारी को और व्यापक बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गोर की मुलाकात को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और साझा प्राथमिकताओं पर गंभीर विचार-विमर्श किया। इस दौरान भारतीय पक्ष ने गोर को उनके नए दायित्वों के लिए शुभकामनाएँ दीं।
व्यापार विवाद की पृष्ठभूमि
हालांकि इन सकारात्मक संकेतों के बावजूद, हाल ही में व्यापारिक मोर्चे पर तनाव देखने को मिला है। राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक शुल्क लगाने का निर्णय लिया था, जिससे नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंधों में खिंचाव आया। इसके साथ ही रूस से कच्चा तेल खरीदने पर भी 25 प्रतिशत शुल्क लगाया गया। भारत ने इन कदमों को अनुचित और विवेकहीन बताया था।
भविष्य की संभावनाएँ
विशेषज्ञों का मानना है कि गोर की यह यात्रा और मोदी के साथ उनकी मुलाकात दोनों देशों के बीच मतभेदों को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अमेरिका और भारत अपने व्यापार विवादों को किनारे रखकर रणनीतिक साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर ले जा पाते हैं।