भारत और कनाडा के रिश्तों में सुधार की नई उम्मीदें
भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में सुधार
नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच हाल के तनाव के बाद अब संबंधों में सुधार की संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वर्ष दूसरी बार कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मिलने जा रहे हैं। यह मुलाकात शनिवार को जोहान्सबर्ग में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान होगी। इससे पहले, कार्नी ने पीएम मोदी को कनाडा के G7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया था, जहां दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक बातचीत हुई थी।
2023 में भारत और कनाडा के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे, जब एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या के बाद कनाडा ने भारतीय अधिकारियों पर संलिप्तता का आरोप लगाया था। इस घटना ने दोनों देशों के बीच गहरी खाई पैदा कर दी थी, जिसके लिए भारत से जवाबदेही भी मांगी गई थी। फिर भी, कार्नी ने संबंधों को सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया है।
कनाडा की विदेश मंत्री का भारत दौरा:
भारत और कनाडा ने अपने संबंधों को फिर से सामान्य करने की दिशा में कदम उठाए हैं। पिछले महीने, कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद भारत आई थीं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों द्वारा उठाए गए कदम सकारात्मक हैं। इस प्रयास का एक महत्वपूर्ण परिणाम एक संयुक्त बयान था, जिसमें सहयोग के क्षेत्रों का उल्लेख किया गया था। इस बयान में एक साझा लक्ष्य के तहत अधिक सकारात्मक और उत्पादक तरीके से काम करने पर जोर दिया गया था।
हालांकि, अनीता ने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों देशों के संबंध इस बात पर निर्भर करेंगे कि वे कानून प्रवर्तन और सार्वजनिक सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कैसे संभालते हैं। दोनों देश इस उम्मीद में हैं कि उनके संबंध बेहतर होंगे, जो पूरी तरह से संवेदनशील मुद्दों जैसे कानूनी मामलों और सुरक्षा चिंताओं पर निर्भर करेगा।
भारत और कनाडा के बीच के संयुक्त बयान में कानून के शासन, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति आपसी सम्मान के महत्व पर भी जोर दिया गया। इसका तात्पर्य है कि दोनों देश एक-दूसरे की स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहते हैं और अपने लेन-देन में अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना चाहते हैं।