भारत और रूस के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: अमेरिका को लगेगा बड़ा झटका
भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंधों की नई दिशा
रूसी उप प्रधानमंत्री ओवरचुक ने जानकारी दी है कि भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि भारत एक विशाल बाजार है और यह हमारे निकटतम मित्र देशों में से एक है, इसलिए वे हमारे साथ सहयोग करना चाहते हैं।
अमेरिका के लिए संभावित चुनौती
यह समझौता अमेरिका के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसने भारत पर उच्च टैरिफ लगाए हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारत अब रूस के नेतृत्व वाले यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ एफटीए की औपचारिक वार्ता शुरू कर रहा है।
भारत, रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान के साथ मिलकर इस समझौते पर चर्चा कर रहा है। इसमें 18 महीने का एक रोडमैप तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य भारतीय व्यवसायों, विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, किसानों और मछुआरों के लिए नए बाजारों का निर्माण करना है।
भारत और रूस के बीच मजबूत साझेदारी
भारत और रूस के बीच संबंधों में 2000 में सामरिक भागीदारी घोषणापत्र पर हस्ताक्षर के बाद से काफी सुधार हुआ है। यह साझेदारी राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों के बीच सहयोग को शामिल करती है।
2010 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने इस साझेदारी को विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया। इस साझेदारी के तहत नियमित संवाद और सहयोग सुनिश्चित करने के लिए कई संस्थागत तंत्र काम कर रहे हैं।
व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा
भारत-रूस व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए, सरकार के स्तर पर प्राथमिक तंत्र व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहयोग के लिए भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग है, जिसकी सह-अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री और रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री करते हैं।
आईआरआईजीसी-टीईसी का 26वां सत्र 20 अगस्त 2025 को मॉस्को में आयोजित किया गया था, जिसमें व्यापार बाधाओं को दूर करने, लॉजिस्टिक्स में सुधार, कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, और 2030 तक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम को अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस सत्र में भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ एफटीए के शीघ्र समापन पर भी जोर दिया गया।