भारत ने फिर से शुरू किया चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा, संबंधों में सुधार की दिशा में बड़ा कदम
भारत और चीन के बीच संबंधों में नया मोड़
नई दिल्ली : भारत ने हाल ही में चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा जारी करने की प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया है। यह निर्णय विश्वभर में भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों के माध्यम से तुरंत लागू किया गया है। लगभग चार साल के निलंबन के बाद, यह कदम दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है।
अप्रैल 2020 में हुआ था वीजा निलंबन
आपको जानकारी होनी चाहिए कि चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा सेवा को अप्रैल-मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई हिंसक झड़प के बाद निलंबित कर दिया गया था। गलवान घाटी में हुई इस घटना में 20 भारतीय और कम से कम 4 चीनी सैनिकों की जान गई थी। इसके बाद द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट आई थी। इस सप्ताह से, भारतीय मिशनों ने चीनी पासपोर्ट धारकों के लिए पर्यटक वीजा आवेदन स्वीकार करना शुरू कर दिया है।
संबंधों में स्थिरता लाने के प्रयास
यह कदम दोनों देशों द्वारा किए गए कई 'जन-केंद्रित' सुधारात्मक प्रयासों का हिस्सा माना जा सकता है। अक्टूबर 2024 से भारत और चीन के बीच सीधी वाणिज्यिक उड़ानें फिर से शुरू की गई हैं। इसके अलावा, कैलाश मानसरोवर यात्रा को भी पुनः आरंभ किया गया है और वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है। दोनों देशों के बीच 75 वर्षों के कूटनीतिक संबंधों के उपलक्ष्य में विशेष समारोह भी आयोजित किए गए हैं।
कजान में PM मोदी और जिनपिंग की महत्वपूर्ण बैठक
संबंधों में सुधार उच्च-स्तरीय वार्ताओं के बाद संभव हुआ। अक्टूबर 2024 में, दोनों देशों ने एलएसी पर अग्रिम मोर्चे से सेनाओं को हटाने पर सहमति जताई। रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक ने द्विपक्षीय तंत्रों को पुनः स्थापित किया और सीमा विवाद तथा अन्य लंबित मुद्दों पर आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया। इसके परिणामस्वरूप विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की बातचीत हुई।
इन वार्ताओं के बाद सीमा व्यापार, आर्थिक सहयोग और अन्य क्षेत्रों में गतिविधियाँ फिर से शुरू होने लगीं। चीन ने भारत की कुछ प्रमुख चिंताओं, जैसे दुर्लभ पृथ्वी खनिजों पर निर्यात प्रतिबंध, को कम करने की दिशा में भी कदम उठाए। ये सभी पहलें दोनों देशों के बीच रिश्तों को स्थिर करने और भविष्य में सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।