भारत-पाकिस्तान के बीच शांगरी-ला डायलॉग में तनाव बढ़ा
भारत और पाकिस्तान के बीच जुबानी जंग
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बावजूद जुबानी जंग जारी है। दोनों देश एक-दूसरे पर हमले का कोई मौका नहीं छोड़ते। वर्तमान में सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग चल रहा है, जिसमें 40 देशों के रक्षा विशेषज्ञ और थिंक टैंक चर्चा कर रहे हैं। इस मंच पर दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने एक-दूसरे को कड़ी चेतावनी दी है।
सीडीएस अनिल चौहान का बयान
सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक नई असहिष्णुता की सीमा खींची है। उन्होंने बताया कि हमारे ऑपरेशन से विरोधियों को सबक मिलेगा और यह दिखाएगा कि भारत की सहनशीलता की एक सीमा है। यह बयान 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद आया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की अपील
शांगरी-ला डायलॉग में पाकिस्तान के जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का मुख्य कारण है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की और चेतावनी दी कि यदि इसे हल नहीं किया गया, तो विनाशकारी परिणाम सामने आ सकते हैं। मिर्जा ने मध्यस्थता के लिए चीन, तुर्की, अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों के नाम सुझाए।
पाकिस्तान को आतंकवाद से नुकसान
पाकिस्तान के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल मिर्जा ने कहा कि कश्मीर संकट एक बड़ा विवाद है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के लिए शांति आवश्यक है। मिर्जा ने पाकिस्तान को आतंकवाद से पीड़ित देश बताया और कहा कि आतंकवाद के कारण पाकिस्तान को सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान हुआ है और हजारों लोगों की जान गई है।
भारत का तीसरे पक्ष की मौजूदगी से इनकार
भारत ने हमेशा किसी तीसरे पक्ष की मौजूदगी से इनकार किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत ने अमेरिका सहित कई देशों को स्पष्ट किया था कि कश्मीर विवाद पर उन्हें किसी तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं है। इस संदर्भ में, भारत के 7 प्रतिनिधिमंडल वर्तमान में विश्व के दौरे पर हैं, जहां वे अलग-अलग देशों में पहलगाम आतंकी हमले की जानकारी दे रहे हैं।