भारत-पाकिस्तान संघर्ष: अमेरिकी रिपोर्ट ने खोली पाकिस्तान की असलियत
संघर्ष की नई जानकारी
नई दिल्ली: मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ सैन्य संघर्ष भले ही चार दिनों में समाप्त हो गया, लेकिन इससे जुड़ी जानकारियाँ अब भी सामने आ रही हैं। हाल ही में एक द्विदलीय रिपोर्ट ने इस मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है।
पाकिस्तान को हुआ बड़ा नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, इस टकराव में पाकिस्तान ने पांच सैन्य विमान खोए, जबकि भारत को भी कुछ हानि उठानी पड़ी, लेकिन सभी भारतीय विमान राफेल नहीं थे। यह जानकारी पाकिस्तान के जीत के दावों पर सवाल उठाती है।
रिपोर्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे का भी जिक्र है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस संघर्ष में कुल आठ वॉर प्लेन गिराए गए थे। ट्रंप के दावों और अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट की तुलना करने पर यह स्पष्ट हुआ कि पाकिस्तान ने पांच लड़ाकू विमान खो दिए, जबकि भारत को तीन विमानों का नुकसान हुआ।
चीनी प्रोपेगैंडा का खुलासा
अमेरिकी रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन भारत के राफेल फाइटर जेट के बारे में गलत सूचनाएँ फैलाकर अपने J-10 लड़ाकू विमान और PL-15 मिसाइल को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन यह दिखाने में लगा है कि उसके हथियारों ने भारतीय विमानों को नुकसान पहुँचाया, ताकि वह अपने रक्षा उत्पादों की बिक्री बढ़ा सके।
रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि भारत ने तीन विमान खोए, लेकिन वे सभी राफेल नहीं थे। यह जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के पिछले आकलनों से मेल खाती है, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान के J-10 विमानों के हमले में भारत ने दो लड़ाकू जेट खोए थे, जिनमें से एक राफेल था।
ट्रंप के दावों में विसंगति
डोनाल्ड ट्रंप ने इस टकराव के बारे में कई बार सार्वजनिक बयान दिए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी हस्तक्षेप और टैरिफ की धमकी के कारण युद्ध रुक पाया। ट्रंप ने यह भी कहा कि कुल आठ विमान गिराए गए, जबकि बाद में उन्होंने यह संख्या बढ़ाकर सात से आठ कर दी।
ट्रंप ने अमेरिका बिजनेस फोरम में कहा था कि सात प्लेन मार गिराए गए और आठवां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ। अमेरिकी रिपोर्ट ट्रंप के दावों से पूरी तरह मेल नहीं खाती, लेकिन यह स्पष्ट करती है कि वास्तविक नुकसान का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान की ओर हुआ था।
कुल मिलाकर स्थिति
नई अमेरिकी रिपोर्ट यह संकेत देती है कि मई के संघर्ष में भारत की स्थिति मजबूत थी। पाकिस्तान ने जितना नुकसान स्वीकार किया, असली स्थिति उससे कहीं अधिक गंभीर थी। इसके अलावा, चीन द्वारा फैलाई गई गलत सूचनाओं और हथियारों की मार्केटिंग पर भी इस रिपोर्ट ने सवाल उठाए हैं।