भारत-पाकिस्तान संबंधों में कड़ा संदेश: जयशंकर ने सिंधु जल संधि पर दी स्पष्टता
केंद्रीय विदेश मंत्री का कड़ा बयान
केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में एक स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं करता, तब तक सिंधु जल संधि को निलंबित रखा जाएगा।
सिंधु जल संधि का महत्व
जयशंकर ने बताया कि सिंधु जल संधि एक अद्वितीय समझौता है, जिसमें भारत ने अपनी नदियों का पानी पाकिस्तान को बहने दिया, जबकि उसके पास पूर्ण अधिकार नहीं था। उन्होंने कहा कि इस तरह का उदाहरण दुनिया में मिलना मुश्किल है। यह ऐतिहासिक घटना महत्वपूर्ण है, भले ही कुछ लोग इसे भुलाना चाहें।
नेहरू के बयान पर आलोचना
उन्होंने संसद में 1960 में पंडित नेहरू द्वारा दिए गए बयान की आलोचना की, जिसमें नेहरू ने पाकिस्तानी पंजाब की चिंता जताई थी, लेकिन भारतीय राज्यों के किसानों का उल्लेख नहीं किया। जयशंकर ने इसे एक बड़ी ऐतिहासिक भूल बताया, जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने सुधारने का प्रयास किया है।
पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया
जयशंकर ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भी नाराजगी व्यक्त की और इसे पूरी तरह अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि इस हमले में सीमा पार की गई है और इसके लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंचों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मोदी सरकार के कदम
अंत में, उन्होंने दोहराया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 और सिंधु जल संधि पर निर्णायक कदम उठाए हैं, और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं होता, तब तक सिंधु का पानी नहीं बहेगा।