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भारत में H-1B वीजा रिन्यूअल अपॉइंटमेंट्स में अचानक रद्दीकरण से आवेदकों में हड़कंप

भारत में H-1B वीजा रिन्यूअल अपॉइंटमेंट्स के अचानक रद्द होने से हजारों आवेदक संकट में फंस गए हैं। अमेरिकी दूतावास ने बिना पूर्व सूचना के कई अपॉइंटमेंट्स को स्थगित कर दिया है, जिससे आवेदकों को नई तारीखों का इंतजार करना पड़ रहा है। इस निर्णय की आलोचना की जा रही है, और इसके पीछे के कारणों में सख्त बैकग्राउंड जांच और सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी शामिल हैं। जानें इस मुद्दे के सभी पहलुओं के बारे में।
 

H-1B वीजा रिन्यूअल अपॉइंटमेंट्स का रद्द होना


नई दिल्ली: भारत में H-1B वीजा रिन्यूअल अपॉइंटमेंट्स के अचानक रद्द होने से हजारों आवेदक संकट में हैं। अमेरिकी दूतावास ने दिसंबर के मध्य के बाद निर्धारित कई अपॉइंटमेंट्स को बिना किसी पूर्व सूचना के आगे की तारीखों में स्थगित कर दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, यह निर्णय नए और सख्त बैकग्राउंड और सोशल मीडिया जांच नियमों के कारण लिया गया है।


किसे प्रभावित किया है?

जिन आवेदकों की अपॉइंटमेंट 15 दिसंबर के बाद निर्धारित थी, वे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। कई मामलों में, इंटरव्यू की नई तारीखें 2026 तक बढ़ा दी गई हैं। अमेरिकी दूतावास ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन लोगों को रीशेड्यूल ईमेल प्राप्त हुआ है, वे पुरानी तारीख पर दूतावास या कांसुलेट न आएं, अन्यथा उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा।


रीशेड्यूलिंग की प्रक्रिया

इस सामूहिक रद्दीकरण के कारण कई H-1B वीजा धारक भारत में फंसे हुए हैं। वे इंटरव्यू के लिए भारत आए थे, लेकिन अब वैध वीजा न होने के कारण अमेरिका वापस नहीं जा पा रहे हैं। इससे उनकी नौकरी और कंपनियों के प्रोजेक्ट्स पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, यह रीशेड्यूलिंग 15 दिसंबर के बाद निर्धारित सभी अपॉइंटमेंट्स पर लागू की गई है।


केवल H-1B नहीं, बल्कि अन्य वीजा श्रेणियों के इंटरव्यू भी नए नियमों के कारण स्थगित किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया प्रोफाइल की गहन जांच अब वीजा प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है, जिससे यह प्रक्रिया और अधिक लंबी और अनिश्चित हो गई है। प्रभावित आवेदकों की सटीक संख्या अभी स्पष्ट नहीं है।


इस निर्णय की आलोचना

अमेरिका में इमिग्रेशन वकील एमिली न्यूमैन ने इस निर्णय की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि वीजा स्टैम्पिंग की प्रक्रिया अब अत्यधिक अव्यवस्थित हो गई है। बिना चेतावनी अपॉइंटमेंट रद्द होना और महीनों आगे बढ़ जाना कर्मचारियों और कंपनियों दोनों के लिए गंभीर समस्या बन रहा है।


H-1B वीजा पर सख्ती का कारण

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान H-1B वीजा कार्यक्रम पर सख्ती बढ़ाई गई है। इमिग्रेशन जांच के तहत अब सोशल मीडिया गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सितंबर में राष्ट्रपति ट्रंप ने H-1B वीजा शुल्क को बढ़ाकर 100000 डॉलर कर दिया था।


H-1B वीजा के तहत अमेरिकी कंपनियां विशेष कौशल वाले विदेशी कर्मचारियों को तीन साल के लिए नियुक्त करती हैं, जिसे बाद में नवीनीकरण किया जा सकता है। हाल के वर्षों में स्वीकृत H-1B आवेदनों में लगभग 71 प्रतिशत भारतीय नागरिकों के रहे हैं।