भारत में UNESCO की बैठक: सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा पर चर्चा
भारत की सांस्कृतिक धरोहर की वैश्विक पहचान
भारत आज एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम की मेज़बानी कर रहा है। UNESCO की Intergovernmental Committee for the Safeguarding of Intangible Cultural Heritage की बैठक भारत में आरंभ हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह दिन भारत के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि यह प्रतिष्ठित संस्था अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसे वैश्विक पहचान दिलाने का कार्य करती है।
शेखावत ने बताया कि इस बैठक में दुनिया के लगभग सभी देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर और विविधता का अवलोकन कर रहे हैं। यह सम्मेलन एक प्राचीन स्थल पर हो रहा है, जिसने भारत के इतिहास के कई महत्वपूर्ण क्षणों को देखा है। मंत्री ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक जड़ें हजारों वर्षों पुरानी हैं और हमारी परंपराएं आज भी समाज को एकजुट करने का कार्य करती हैं। इस प्रकार, UNESCO जैसी संस्था का भारत में बैठक करना इस बात का प्रमाण है कि विश्व भारतीय संस्कृति को कितना महत्व देता है।
शेखावत के अनुसार, भारत वैश्विक सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। योग, कुंभ मेला, रामलीला और कई लोक कलाएं पहले ही UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल हो चुकी हैं, और भविष्य में भारत और भी सांस्कृतिक धरोहरों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल दुनिया को भारत की संस्कृति से परिचित कराएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी धरोहरों को सुरक्षित रखने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।