×

भारत में मानसून की गतिविधियों में तेजी, कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी

भारत में मानसून की गतिविधियों में तेजी आई है, जिसके चलते कई राज्यों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, और अन्य क्षेत्रों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किए गए हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में गरज के साथ तेज बारिश और बिजली गिरने की संभावना जताई है। प्रशासन ने लोगों को सावधानी बरतने और दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। जानें इस मौसम के प्रभाव और प्रशासन की सलाह के बारे में अधिक जानकारी।
 

मौसम अपडेट

मौसम अपडेट: देश में मानसून की गतिविधियों में तेजी आई है, और भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इस सप्ताह कई राज्यों के लिए भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तराखंड और अन्य क्षेत्रों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किए गए हैं। यह चेतावनी दक्षिण-पश्चिम गंगीय पश्चिम बंगाल में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण दी गई है, जिससे पूरे देश के मध्य, पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में मानसून प्रणाली सक्रिय हो गई है।


भारी वर्षा की संभावना

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मौसम विभाग का कहना है कि यह प्रणाली अगले कुछ दिनों तक बनी रहेगी, जिससे मध्य, पूर्वी, पश्चिमी और उत्तर-पश्चिम भारत में गरज के साथ तेज बारिश, बिजली गिरने और तेज हवाओं की स्थिति बनी रहेगी। विशेष रूप से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और विदर्भ क्षेत्र के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। कल से इन क्षेत्रों में तीव्र बारिश दर्ज की गई है, जिससे कई स्थानों पर जलभराव और जनजीवन प्रभावित हुआ है।


भारत में मानसून का प्रभाव

भारत में मानसून का प्रभाव 

उत्तर-पश्चिम भारत में भी मानसून का प्रभाव दिखने लगा है। उत्तराखंड और पूर्वी राजस्थान में 10 जुलाई तक भारी वर्षा का पूर्वानुमान है। इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। साथ ही गरज के साथ वर्षा और बिजली गिरने की भी संभावना है.


प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश

प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश

आईएमडी ने लोगों से सावधानी बरतने और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और नदी किनारे क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। किसान वर्ग को भी सलाह दी गई है कि वे फसल और खेत की सुरक्षा सुनिश्चित करें.