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भुवनेश्वर में एआई गवर्नेंस पर महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन

ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में, मिस्र के एआई गवर्नेंस विशेषज्ञ अहमद हेफनावी ने फरवरी में होने वाले अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए चार्टर पर सहमति की बात की। उन्होंने बताया कि यह चार्टर एआई के जिम्मेदार और न्यायसंगत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। बैठक में विभिन्न देशों के बीच सहमति बनती दिखाई दे रही है, जिससे तकनीकी सहयोग और नीति निर्माण में मदद मिलेगी। यह पहल भविष्य में एआई गवर्नेंस के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
 

मिस्र के विशेषज्ञ का बयान

मीडिया चैनल :- ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में, मिस्र के एआई गवर्नेंस विशेषज्ञ अहमद हेफनावी ने बताया कि यह बैठक फरवरी में होने वाले अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इस समय एक प्रारूप तैयार किया जा रहा है, जिसे आगामी सम्मेलन में प्रस्तुत किया जाएगा।


चार्टर पर सहमति


हेफनावी ने कहा कि इस चार्टर के संबंध में विभिन्न देशों के बीच एक मजबूत सहमति बनती दिखाई दे रही है। उन्होंने बताया कि चार्टर की शर्तों पर व्यापक सहमति उभर रही है, जो भविष्य में औपचारिक दस्तावेज का हिस्सा बनेगी। इसे समिट में अपनाने के बाद यह सभी देशों के लिए लाभकारी साबित होगा।


एआई के जिम्मेदार उपयोग की दिशा में कदम

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह पहल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदार, सुरक्षित और न्यायसंगत उपयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। चार्टर का उद्देश्य एआई से जुड़े अधिकारों, जिम्मेदारियों और नैतिक मानकों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना है, ताकि तकनीक का उपयोग मानवता के हित में हो।


फरवरी में होने वाले शिखर सम्मेलन की उम्मीदें

हेफनावी ने विश्वास व्यक्त किया कि फरवरी में होने वाला यह शिखर सम्मेलन वैश्विक स्तर पर एआई गवर्नेंस के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करने में सहायक होगा। इससे न केवल विकसित देशों को, बल्कि विकासशील देशों को भी तकनीकी सहयोग, नीति निर्माण और डिजिटल अधिकारों के क्षेत्र में लाभ मिलेगा।


भविष्य की दिशा

यह बैठक इस बात का संकेत है कि एआई के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए दुनिया अब साझा नियमों और जिम्मेदार ढांचे की ओर बढ़ रही है, जिससे भविष्य में तकनीक का संतुलित और सुरक्षित विकास सुनिश्चित किया जा सके।