भौतिकविदों का अनुमान: ब्रह्मांड का अंत कैसे होगा?
भौतिकविदों का भविष्यवाणी: ब्रह्मांड का अंत
भौतिकविदों का अनुमान: क्या ब्रह्मांड हमेशा के लिए फैलता रहेगा या इसका अंत भी होगा? यह प्रश्न सदियों से वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बना हुआ है। हाल ही में, स्पेन, चीन और अमेरिका के भौतिकविदों की एक टीम ने इस रहस्य पर नई जानकारी प्रदान की है।
उनका कहना है कि जिस 'डार्क एनर्जी' को अब तक ब्रह्मांड के विस्तार का मुख्य कारण माना जाता था, वह धीरे-धीरे बदल रही है। यह परिवर्तन आने वाले अरबों वर्षों में ब्रह्मांड के अंत का कारण बन सकता है।
'बिग क्रंच' की परिभाषा
वैज्ञानिकों के अनुसार, जिस प्रकार 13.8 अरब साल पहले बिग बैंग से ब्रह्मांड का निर्माण हुआ, उसी तरह इसका अंत 'बिग क्रंच' में होगा। 'डोनोस्टिया इंटरनेशनल फिजिक्स सेंटर' (स्पेन), 'शंघाई जियाओ तोंग यूनिवर्सिटी' (चीन) और 'कॉर्नेल यूनिवर्सिटी' (अमेरिका) के शोधकर्ताओं ने बताया कि डार्क एनर्जी स्थिर नहीं है। जैसे-जैसे यह कमजोर होती जाएगी, ब्रह्मांड का विस्तार धीमा पड़ेगा और लगभग 11 अरब साल बाद यह रुक जाएगा। इसके बाद, ब्रह्मांड सिकुड़ना शुरू करेगा और अंततः अपने भीतर समा जाएगा।
हेनरी टाई का नया मॉडल
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एमेरिटस हेनरी टाई ने अल्बर्ट आइंस्टीन के 'कॉस्मोलॉजिकल कॉन्स्टेंट' मॉडल में नए आंकड़े जोड़कर यह निष्कर्ष निकाला है। उनका कहना है कि पहले वैज्ञानिक मानते थे कि यह कॉन्स्टेंट सकारात्मक है, जिससे ब्रह्मांड अनंत काल तक फैलता रहेगा। लेकिन नए आंकड़े बताते हैं कि यह नकारात्मक है, यानी एक समय के बाद विस्तार रुककर ब्रह्मांड अपने केंद्र की ओर सिमटने लगेगा। टाई की गणना के अनुसार, यह 'बिग क्रंच' लगभग 20 अरब साल बाद होगा।
नई धारणा का सामना
पिछले दो दशकों से वैज्ञानिकों का मानना था कि डार्क एनर्जी स्थिर है और यह ब्रह्मांड को हमेशा फैलाती रहेगी। लेकिन नई रिसर्च ने इस धारणा को चुनौती दी है। यह अध्ययन सितंबर 2024 में Journal of Cosmology and Astroparticle Physics में प्रकाशित होगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि यह निष्कर्ष सही साबित होता है, तो यह खगोल विज्ञान की सबसे बड़ी खोजों में से एक होगा, क्योंकि इसका मतलब होगा कि ब्रह्मांड का भविष्य पहले से तय नहीं है, बल्कि यह लगातार बदल रहा है।
क्या यह मानव जीवन को प्रभावित करेगा?
हालांकि वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया अरबों साल बाद होगी, इसलिए पृथ्वी या मानव सभ्यता पर इसका कोई तात्कालिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन यह शोध इस बात की याद दिलाता है कि ब्रह्मांड का अस्तित्व भी अस्थायी है। आने वाले 20 अरब वर्षों में जब ब्रह्मांड अपने ही गुरुत्वाकर्षण के नीचे ढह जाएगा, तब समय, स्थान और पदार्थ सब एक बिंदु में समा जाएंगे। यानी जिस 'बिग बैंग' से सबकी शुरुआत हुई, उसी का उल्टा 'बिग क्रंच' इसका अंत तय करेगा।